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35 बार मिली असफलता के बाद भी नहीं टूटा हौसला, फिर 104वीं रैंक पाकर बने आईपीएस अधिकारी

विजय ने यूपीएससी की तैयारी तो शुरू तो कर दी. लेकिन उन्हें अपने लक्ष्य तक पहुंचने के लिए अभी कई असफलताओं का सामना करना पड़ा. यूपीएससी (UPSC) की तैयारी के दौरान अन्य छात्रों की तरह उन्होंने भी बहुत मेहनत करनी शुरू कर दी.

35 बार मिली असफलता के बाद भी नहीं टूटा हौसला

परीक्षा की तैयारी के दौरान ही उन्होंने हरियाणा पीसीएस, यूपी पीसीएस, एसएससी (CGL) जैसे 30 अलग-अलग प्रतियोगी परीक्षाओं में हिस्सा लिया. इन सभी परीक्षाओं में उन्हें लगातार असफलता (Failure) ही प्राप्त हुई. इन परीक्षाओं में फेल होने के बाद उनका हौसला पूरी कमजोर होने लगा. लेकिन उन्होंने यूपीएससी की तैयारी को रोका नहीं जारी रखी. उनकी नाकामी का सिलसिला अभी खत्म थोड़ी हुआ था.

यूपीएससी की साल 2014 से साल 2015 की दोनों परीक्षाओं में वो प्री भी नहीं निकाल पाए. साल 2016 की यूपीएससी परीक्षा में वो 6 अंकों से मेरिट लिस्ट में नहीं आ पाए. साल 2017 की परीक्षा में उन्होंने प्री और मेंस तो दोनो निकाल लिया. इंटरव्यू में उन्हें फिर निराश होना पड़ा.

104वीं रैंक पाकर बने आईपीएस अधिकारी

विजय वर्धन (Vijay Wardhan) को यूपीएससी परीक्षा में मिल रही लगातार असफलता (Persistent Failure) से आसपास के रहने वाले लोगों ने भी उनके पास होने की आस पूरी तरह छोड़ दी थी. ज्यादातर लोग या तो उन पर हसने लगे थे या उन्हें परीक्षा को छोड़ देने की अक्सर सलाह देते थे. लेकिन विजय एक वैरागी की तरह यूपीएससी परीक्षा (UPSC Exam) की तैयारी करना कभी नहीं छोड़े. साल 2018 में उन्होंने एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी.

इस बार उन्हें सफलता हासिल हुई। उन्होंने यूपीएससी परीक्षा में 104वीं रैंक हासिल की. इसी के साथ उन्हें आईपीएस का पद दे दिया गया. उनकी सफलता के बाद उनके पड़ोसी और रिश्तेदारों भी हैरान रह गए. जो उन्हें परीक्षा छोड़ने की सलाह देते थे. उनकी सफलता उन युवाओं के लिए प्रेरणा (Inspiration) है, जो एक या दो बार परीक्षा में असफल होने पर निराश हो जाते हैं.

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