शिक्षा/नौकरी

खेतो से ईंट उठाई काम किया कॉलेज में फ़ैल हुआ और आज है DSP

ज्यादातर लोग ये सोचते है की जो भी महान काम करते है वो शहर के लोग करते है पर दोस्तों ऐसा नहीं है गाव का लड़का चाहे तो कुछ भी कर सकता है ,अगर आप विश्वास नहीं करते तो हम आपको एक छोटे से गाव के एक युवक किशोर कुमार रजक की कहानी बताएँगे .

ये जनाब आब डी एस पि है और झारखण्ड के एक छोटे से गाव में से आते है जहा न तो कोई लाइट है और नहीं कोई पड़ाई की सुविधा .लेकिन किशोर कुमार ने इतनी मेहनत की उन्होंने देश के सबसे बड़ी परीक्षा UPSC पहली बार में ही क्लियर कर ली जो की दुसरो के लिए बहुत ही मुश्किल काम है .ये हम आपको जिसकी बात बता रहे है वो एक डी एस पि है और झारखण्ड के रहने वाले है तो चलिए जानते है उनके बारे में .

पहली बार में क्लियर किया UPSC एग्जाम

आपको डी एस पि किशोर कुमार के बारे में बताये तो वो झारखण्ड के एक छोटे से गाव में से आते है जहा वो रहते थे वहा जीवन की छोटी मोती सुविधा भी नहीं थी .वहा किसी भी तरह का सोचालय भी नहीं था और साथ ही साथ बिजली तक का तो नामोनिशान ही नहीं था ,दुसरे बच्चे तो प्राइवेट स्कूल में जाते थे लेकिन इन्होने सरकारी स्कूल में अपनी शिक्षा पूरी की .

जिस सरकारी स्कूल में ये जाते थे वहा पहली कक्षा से लेकर 5 वि कक्षा तक के सब बच्चे एक साथ ही पड़ाई करते थे ,ऐसे माहोल में पड़ाई करना बहुत ही मुश्किल होता है लेकिन किशोर कुमार ने हार नहीं मानी और बिना कुछ देखे मेहनत करते रहे .किशोर कुमार अपनी जिंदगी के दो वाकया बताते है जिन्होंने इनकी जिंदगी को बिलकुल ही बदल के रख दिया .

एक घटना ने बदल दी जिंदगी

किशोर कुमार कहते है की एक बार वो अपने दोस्तों के साथ पास के जंगल में बेर खाने चले गए ,जब उनके टीचर को इस बारे में पता लगा तो उन्होंने इनकी बहुत पिटाई की .और उनको कहा की में तुम लोगो को बड़ा अफसर बनता हुआ देखना चाहता हु न की इस काम को करते हुए देखना .

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