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भूतड़ी अमावस्या : अधूरी इच्छाओं को पूरा करने आती है, मृत आत्माएं

दुनिया में कई ऐसी अजीबोगरीब चीजें हैं जिन पर विश्वास करना यकीनन नामुमकिन होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भूतनी अमावस्या जैसी भी एक तिथि मनाई जाती है। जी हां, कई लोगों को भूतों पर विश्वास नहीं होता लेकिन कुछ लोग इन पर विश्वास करते हैं।आज किस आर्टिकल में हम आपको भूतड़ी अमावस्या से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताएंगे जिसे जानकर आप सचमुच हैरान हो जाएंगे। साथ ही यह भी जानेंगे कि भारतीय कैलेंडर के अनुसार यह किस तिथि को मनाया जाने वाला है।

हिंदू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह के कृष्ण पक्ष के दिन इस अमावस्या को मनाया जाता है।इस बार यह अमावस्या 21 मार्च 2023 को मनाया जाएगा। साथ ही इसके बाद से हिंदू नव वर्ष का विक्रम संवत 2080 शुरू होने वाला है।बता दे कि अमावस्या हिंदू वर्ष के कैलेंडर के अनुसार इस साल का आखिरी अमावस्या है।बतादे की अमावस्या 20 मार्च की रात्रि से शुरू होगी और यह 1:48 से शुरू होने वाली है। साथी 21 मार्च की रात 10:54 पर खत्म हो जाएगी।
अर्थात 21 मार्च को ही चैत्र माह की अमावस्या मनाई जाएगी। साथ ही उसके अगले दिन से 22 मार्च से नवरात्रि शुरू हो जाएगी।
चलिए अब इस भूतड़ी अमावस्या से जुड़ी कुछ अजीबोगरीब मान्यताओ पर बात करते हैं।माना जाता है कि जिन लोगों की अकाल मृत्यु हो जाती है या फिर जिन लोगों का क्रिया कर्म अच्छे से नहीं हो पाता या फिर जिन लोगों की कुछ अधूरी इच्छाएं रह जाती हैं तो वैसे आत्माएं भूत बन जाती है और पृथ्वी लोक पर भटकते रहती है।जिसके बाद ही यह सभी आत्माएं नकारात्मक शक्ति धारण कर लेती है और पृथ्वी पर तब तक भटकती हैं जब तक इन्हें मोक्ष की प्राप्ति ना हो जाए, साथ ही इनकी अधूरी इच्छा पूरी ना हो जाए।
माना जाता है कि इस अमावस्या वाले दिन इन सभी बुरी आत्माओं की शक्तियां बढ़ जाती है और यह अपनी अधूरी इच्छाओं को पूरा करने के लिए अपने रिश्तेदारों या फिर उन लोगों के आसपास भटकती हैं जिनके कारण उन्हें मोक्ष प्राप्त नहीं हो पाता।इतना ही नहीं यह अपनी इच्छाओं को पूरा करने के लिए किसी और के शरीर में प्रवेश करने की भी कोशिश करती हैं।ऐसे में यदि आप इस तिथि वाले दिन पितरों को तर्पण करते हैं तो इन सभी शक्तियों से आपको मुक्ति मिल सकती है।
कई लोग इन सब चीजों से छुटकारा पाने के लिए धार्मिक आयोजन करवाते हैं। साथ ही पितृ दोष की शांति भी कराते हैं और पितरों को तर्पण करते हैं। जिस प्रकार से जिन लोगों को मोक्ष की प्राप्ति नहीं होती, उन्हें मुक्ति मिल जाती है। साथ ही जिन लोगों की कुंडली में कालसर्प का दोष होता है, उन्हें भी इस दोष से मुक्ति के लिए गंगा स्नान और चांदी के बने नाग-नागिन की पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने से उन्हें सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलेगी।

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