बॉलीवुड फिल्मों में दादा मुनि के नाम से मशहूर अशोक कुमार अपने समय के बेहतरीन एक्टर थे. यूं कहे की बॉलीवुड के शुरूआती दशक के एक्टर्स में से एक थे. उनका जन्म एक मध्यम वर्गीय बंगाली परिवार भागलपुर बिहार में हुआ था. इलाहाबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई की. बचपन से फिल्मों का शौक था. वह निर्देशक बनना चाहते थे. अशोक कुमार के दोस्त शशधर मुखर्जी थे बाद में इनसे ही अशोक कुमार ने अपनी बहन की शादी भी दी कर दी थी. लेबोरेटरी असिस्टेंट काम कर रहे अशोक कुमार को शशधर मुखर्जी ने बॉम्बे टॉकीज में अपने पास बुला लिया. यहां से शुरू हुआ अशोक कुमार का फिल्मी सफर जो दशकों तक सिने प्रेमियों को याद रहा.
भारत सरकार ने उन्हें कला के क्षेत्र में उनके योगदानों के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया. इसके अलावा कई अन्य अवार्ड मिले। अशोक कुमार के बाद उनके बच्चे भी फिल्मों में करियर आजमाए ये बात और है की वह ज्यादा सफल नहीं हो सके. कम ही लोग जानते हैं कि उनकी बेटी भारती पटेल एक समय में बॉलीवुड फिल्मों में काम कर चुकी हैं उनके बाद उनकी बेटी और अशोक कुमार की नातिन अनुराधा पटेल ने लव इन गोवा से डेब्यू किया था. फिल्म 1983 में रिलीज हुई. इस फिल्म के बाद अनुराधा ने ‘धर्म अधिकारी’, ‘रुखसत’, ‘सदा सुहागन’ समेत कई फिल्मों में काम किया. अनुराधा पटेल 1984 में आई फिल्म उत्सव में एक्ट्रेस रेखा की सहेली के रोल में दिखीं और इस फिल्म से उन्हें बड़ी कामयाबी मिली. फैंस ने उन्हें इस फिल्म में काफी पसंद किया. इस फिल्म में दोनों पर फिल्माया गया एक गाना मन क्यों बहका रे बहका काफी फेमस हुआ था.
अनुराधा ने अपने करियर के पीक पर ही टेलीविजन एक्टर कंवलजीत से शादी कर ली. साथ ही फिल्मों को अलविदा कह दिया. 10 साल तक फ़िल्मों से दूर रहने के बाद अनुराधा आयशा, जाने तू या जाने ना और रेडी जैसी फिल्मों में साइड रोल में दिखीं. अब अनुराधा मुंबई में पर्सनालिटी डेवलपमेंट, ग्रूमिंग इंस्टिट्यूट चलाती हैं. इसमें कंवलजीत उनका सहयोग करते है. अनुराधा के दो बेटे सिद्धार्थ और आदित्य हैं. कंवलजीत की दो फिल्में आई थी पहली ‘हम रहे न हम’ और दूसरी ‘शक़’, ये फिल्मे फ्लॉप रहीं और कवलजीत कुछ खास नहीं कर पाए. इसके बाद टीवी में एक्टिंग करना शुरू किया. टेलीवुड में पर वह कई हिट शोज में नजर आए.