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Equalizer 3 Review in Hindi: देवदूत बनकर लौटे हैं डेंजेल वाशिंगटन, इक्वलाइजर 3 की कहानी पहले से भी अच्छी

क्या आपने कभी देवदूत देखा है अगर आपको कभी दिखाई भी देता है तो शायद आप पहचान ना पाए कभी किसी संकट में जब कोई रहा नजर नहीं आती तो अक्सर लोग देव दूध को ही याद करते हैं। मदद मांगते हुए नजर आते हैं वहीं देव दूध ईश्वर में आस्था रखने वाले इंसानियत का सामान्य करने वाले दूसरों के दुख अपना समझने वाला कुछ-कुछ अपने के लिए जिए तो कुछ जिए तू जिए यह दिल जमाने के लिए सारिका हॉलीवुड फिल्म सीरीज इक्वलाइज़र का नायक रोबोट माइकल कॉल ऐसा ही है उसम मरीज और डिफेंस एंटर द लेंथ एजेंसी को यह रिपोर्ट करती है।

कहा जाता है कि हिंसा की प्रकाष्ठा में ही धर्म पर ध्वनि होती है जीवन जीने का सबसे बड़ा संदेश श्री भागवत गीता और महाभारत की ही उत्पत्ति है ना गौरव और पांडव लड़ते और ना श्री कृष्णा सामने वह समय आता जब वह अर्जुन को गीता का उपदेश देते योग और कर्म का सहयोग ही धर्म का मूल्य माना जाता है फिल्म सीरीज इक्वलाइज़र रोबोट मेक कॉल भी इसी के तहत दर्शी गई है।

सीरीज के तीसरे सीजन में फिल्म शुरू होते ही इटली की उस जगह पर सिली से जो मारियो फूलों के उपन्यास गॉडफादर के माध्यम से दर्शकों की सामने रखी जाती है रोड या एक मिशन पर है खतरनाक अपराधियों को वह चुटकी बजाते हुए देर कर देते हैं परंतु पीठ पर उसे गोली लग जाती है एक बच्चा जिसे वह मासूम समझकर छेड़ता छेड़ देता है नियति भी ऐसी है कि वे सावधानी हटती है तो दुर्घटना तुरंत घट जाती है।

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