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Mortage home loan : बड़े से बड़े लोन को कम वक्त में चुकाए, जाने इसकी पीछे की गणित

Mortage home loan : जब से भारत देश में कोरोनावायरस है तब से ज्यादातर लोग किराए के फ्लैट यह मकान के बजा है अपना खुद का बना घर खरीदने कि तरजीह दे रहे हैं। हालांकि मकान फ्लाइट या जमीन खरीद कर मकान बनाने की लागत बहुत ज्यादा है। किंतु पिछले कुछ वर्षों में सपनों के घर की कीमत लगभग आसमान तक पहुंच गई है। मैं अगर किसी को अपने सपनों का आशियाना बनाना है तो उसे होम लोन का ही सहारा लेना पड़ता है। उसके बाद फिर शुरू होता है लंबे वक्त तक ईएमआई चुकाने का कभी ना खत्म होने वाला सिलसिला। लोग 20 वर्ष या उससे ज्यादा समय तक यह माई का भुगतान करते रहते हैं। अगर आपने भी होम लोन ले रखा है या देने की योजना बना रहे हैं तो हम आपको बता दें कि आप 20 वर्ष का लोन 10 वर्ष में चुका करना सिर्फ चिंता से मुक्त हो सकते हैं बल्कि ब्याज के तौर पर चुकाए जाने वाले आपके लाखों रुपए की भी बचत कर सकते हैं।

आरबीआई बढ़ती महंगाई को नियंत्रण करने के लिए लगातार नीति दरों में वृद्धि कर रहा है। इस क्रम में आरबीआई ने पिछली तीन बार में रेपो रेट में 1.4% की वृद्धि कर 5.4% पर पहुंचा दिया है। इससे कई तरह के कर्ज के साथ होमलोन भी महंगा हो चुका है। महंगाई अभी आरबीआई की तय सीमा 6% के ऊपर ही चल रही है। केंद्रीय बैंक ने साफ तौर पर कह दिया है कि रेपो रेट को फिर से बढ़ाया जाएगा। ऐसा माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक वर्ष के आखिरी तक रेपो रेट को 6% के ऊपर ले जा सकती है। थे होम लोन और भी महंगा हो जाएगा दूसरे शब्दों में कहें आप ईएमआई का बोझ अभी और बढ़ सकता है। जिसके लिए आपको अपने कई दूसरे खर्चों में कटौती करने की आवश्यकता है।

अब ऐसे में एक सवाल उठता है कि होम लोन की ईएमआई के बढ़ते हुए पॉज को कैसे जल्द से जल्द खत्म किया जा सकता है। इसके लिए कई तरीकों का प्रयोग किया जा सकता है। इसमें एक लोन का प्रीपेमेंट है। बैंकों और फाइनेंस कराने वाली कंपनियों की ओर से ग्राहकों को दी जाने वाली इस सुविधा के अंतर्गत आप लोन के पुनरुत्थान की अवधि के बीच कभी भी ईएमआई के अलावा अपनी सुविधा के मुताबिक कितनी भी बड़ी राशि जमा करा सकते हैं। यह अतिरिक्त रकम आपके होम लोन के प्रिंसिपल अमाउंट से कटाक्ष होती है। इससे आपका प्रिंसिपल अकाउंट कम हो जाएगा। इसकी सहायता से लोन की अवधि ही कम हो जाती है और इसके साथ ही ब्याज के तौर पर चुकाई जाने वाली भारी-भरकम रकम की बचत होती है। प्रीपेमेंट के 2 तरीके होते हैं आप अपनी मौजूदा आर्थिक क्षमता के मुताबिक इस का चुनाव कर सकते हैं। यह अवधि के दौरान आप भी बीच में एक है 17 का उसको प्रीपेमेंट के सवाल पर लोन अमाउंट में स्टोर करते रहे इसके लिए आप कोई भी अधिक होता है ना करें। से कुछ लोग प्रत्येक 3 महीने या कुछ लोग प्रत्येक 6 महीने में प्रीपेमेंट सुविधा का लाभ लेते रहते हैं। यह है कि आपके पास जब किसी माध्यम से बड़ी रकम आए तो उसका एक हिस्सा प्रीपेमेंट के तौर पर भुगतान कर दें। इससे आपका हार्दिक भोज भी कम होगा लोन की अवधि कम होगी और ब्याज की मोटी रकम भी बच पाएगी।

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