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Jalebi history in India : 500 साल पुराने इस मिष्ठान का इतिहास जानकर हो जायेंगे हैरान, जाने भारत में किस तरह आई जलेबी

Jalebi History Hindi: जलेबी भारत देश का एक ऐसा स्वादिष्ट मिष्ठान है जिसका नाम सुनते ही हर किसी के मुंह में पानी आ जाता है। भारत के हर गली मोहल्ले और नुक्कड़ पर आपको जलेबी खाने को आसानी से मिल जाएगी। मीठी करारी और बहुत ही बेहतरीन जलेबी बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी को यह पसंद आती है। भारत के विभिन्न विभिन्न शहरों में इसे खाने का तरीका भी काफी अलग है कोई से दूध के साथ खाना पसंद करता है तो कोई उससे दही और रबड़ी के साथ खाना पसंद करता है।

भारत देश के साथ-साथ बांग्लादेश पाकिस्तान ईरान सहित अरब मुल्कों में भी जिलेबी एक लोकप्रिय मिष्ठान के तौर पर खाया जाता है। भारत में तो जलेबी को राष्ट्रीय मिठाई का दर्जा भी प्राप्त है। इन तो आपको जानता है हैरानी होगी की जलेबी हमारे देश की व्यंजन है ही नहीं यह विदेश से आई एक मिठाई है जो भारत के आज हर कोने कोने में आपको खाने को मिल जाएगी।

आमतौर पर जलेबी बहुत सिंपल तरीके से बनाई जाती हैं किंतु लोगों को पनीर और खोए के साथ बनाई जाने वाली जलेबी भी काफी पसंद आती है। स्वादिष्ट मिष्ठान का इतिहास लगभग 500 वर्ष पुराना है ईरान में इसे जुलाविया और जुल्बिया कहकर बुलाते थे। इसके बाद जब लड़की के आक्रमणकारी भारत पहुंचे तो अपने साथ यह व्यंजन लेकर आए इसके बाद इसका नाम के आकार और स्वाद भी कई तरह के बदलाव चलते चले गए।

15 वी शताब्दी तक जलेबी भारत के हर त्योहारों में प्रयोग में की जाने वाली एक मुख्य डिश बन गई थी। भारत के मंदिरों में से प्रसाद के रूप में वितरण किया जाने लगा था जिलेबी नाम असल में एक अरेबिक और फारसी शब्दों से मिला कर बनाया गया है। मध्यकालीन युग में लिखी गई एक पुस्तक जिलेबिया नामक मिठाई का वर्णन मिलता है जो पश्चिमी एशिया का शब्द है।

देश के अलग-अलग राज्यों में से अलग-अलग नामों से जाना जाता है दक्षिण भारत में से जलेबी तो उत्तर भारत में से जिलेबी कहां जाता है। गुजरात में से दशहरे और अन्य प्रकार के त्योहारों पर साकड़ा के साथ खाने की आदत है।
प्रदेश के इंदौर शहर में जलेबा मिलता है जो लगभग 300 ग्राम का होता है बंगाल में इसे चिनार जिल्पी आंध्र प्रदेश में इसे इमरती के नाम से जाना जाता है।

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