आशा पारेख इस शख्स को दे बैठी थीं दिल, जानिए फिर क्यों ताउम्र नहीं की शादी
अपने जबरदस्त अभिनय से लोगों के दिल में आशा पारेख ने ऐसी जगह बनाई है, जो आज भी कायम है। उन्होंने कई ऐसी हिट फिल्में दी हैं जिसका बॉलीवुड के इतिहास में मिसाल है, एक्ट्रेस ने कई फिल्मों में लीड रोल निभाया है। आशा पारेश ने कुछ दिनों पहले ही अपनी ऑटोबायोग्राफी लिखी। जिसके पब्लिकेशन के बाद से वह किताब सुर्खियों में बनी हुई है। इसमें आशा जी ने अपने बचपन से लेकर अब तक के जीवन से जुड़ी कई अनसुनी बातों का भी जिक्र किया है।
10 साल की उम्र में किया था डेब्यु फिल्म
बता दें कि आशा पारेख का जन्म २ अक्टूर १९४२ में मुंबई के एक हिंदू परिवार में हुआ था। उन्हें बचपन से ही डांस क्लास जाती थीं। फिल्म डायरेक्टर बिमल रॉय ने उन्हें एक डांस फंक्शन में देखा, जिससे प्रभावित होकर उन्होंने अपनी फिल्म मां में कास्ट करने का ऑफर दिया था। इस तरह से 10 साल की उम्र में उन्होंने अपनी डेब्यु फिल्म कर ली थी।
आशा पारेश काफी इमोशनल हैं
आशा जी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में इस बात का खुलासा किया कि वह एक इमोशनल व्यक्ति हैं और वह दिमाग से ज्यादा दिल की सुनती हैं। जब उनके द्वारा किसी को चोट पहुंचाती हैं या फिर कोई उन्हें हर्ट करता है तो वह इसके बारे में वह जरूर सोचती हैं। उन्होंने कहा कि वह एक्ट्रेस बाहर से जितनी स्ट्रांग दिखती हैं असल में नहीं हैं। दरअसल आशा पारेख की टॉप पर्सनालिटी देख लड़के उनसे बात करने से डरते थे, यहां तक कि उन्हें कंपलीमेंट देने में भी लोगों को हिचकिचाहट होती थी, यह बात उन्होंने अपनी ऑटोबायोग्राफी में बताई है।
नासिर हुसैन को दे बैठी थीं दिल
आशा पारेख ने बताया कि उनके माता-पिता के बाद यदि उनके मन में किसी के लिए प्यार था तो वह थे उनके डायरेक्टर नासिर हुसैन। आशा पारेख ने बताया कि वह एक ऐसे इंसान थे जो उनके लिए बहुत मायने रखते थे। एक्ट्रेस लिखती हैं कि यदि उनकी ऑटोबायोग्राफी में नासिर का जिक्र नहीं हुआ तो यह ऑटो बायोग्राफी अधूरी होगी। जब आशा जी से पूछा गया कि इतना प्यार होने के बावजूद उन्होंने नासिर से शादी क्यों नहीं की, तो एक्ट्रेस ने जवाब दिया कि “मैं किसी का घर तोडऩे वालों में से नहीं हूं. मेरे और नासिर जी के बीच कभी एक-दूसरे के लिए कोई गलत भावना नहीं रही, यहां तक कि जब नासिर जी की बेटी और पोते मेरी बुक लॉन्च पर आए तो मुझे बहुत अच्छा महसूस हुआ था। मैंने अपनी जिंदगी को बहुत ही सादगी से जिया है बिना किसी को चोट पहुंचाए।”
किस्मत में नहीं थी शादी
आशा जी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखती हैं कि शादी करना उनके नसीब में ही नहीं था। उनकी मां ने भी उनके लिए कई सारे लड़के ढूंढे पर बात नहीं बनी।