Bheed Box Office Collection Day 2: ट्रेलर्स के बाद से विवादों में घिरी हुई अनुभव सिन्हा के डायरेक्शन पर बनी ‘भीड़’ फिल्म मूवी थियेटर में रिलीज हो गई है. रिलीज होते ही इस फिल्म ने लोगो के दिलों में जगह बनाने की शुरवात कर दी है. दरअसल, फिल्म भीड़ कुछ साल पहले देश पे छाए हुए संकट, भयानक महामारी यानी की कोरोना के समय को पेश करती है, जिसमें लोगों ने अपने अपनों को ही नहीं खोया था बल्कि कयोंकि तो नौकरी भी चले गई थी. ऐसा भी समय आ गया था जब कुछ लोगों के खाने के भी लाले पड़ गए थे. कोविद 19 के समय हुए लॉकडाउन में मजदूरों की दशा को दिखाया है. आज हम आपको इस आर्टिकल के जरिए बताने जा रहे हैं कि इस मूवी ने लोगों के दिलों में कितनी जगह बनाई और कितना नाम कमाया है साथ ही बॉक्स ऑफिस पर इस ने कितनी कमाई की है. तो चलिए इन सब के बारे में विस्तार से जानते हैं.
दर्शकों को बता दें कि लीड रोल में अभिनेता राजकुमार राव और एक्ट्रेस भूमि पेडनेकर की फिल्म ‘भीड़’ का पहला दिन यानी की ओपनिंग डे कुछ खास नहीं रहा जिससे पुरी स्टार कास्ट काफी दुखी है. बता दें 2 भीड़ फिल्म द्वारा बॉक्स ऑफिस पर मात्र 29 लाख रुपये की कमाई हुई. ऐसा माना जा रहा है कि शायद वीकेंड यानी सैटरडे संडे पर फिल्म की कमाई अच्छी होगी लेकिन एक बार फिर सभी को निराश होना पड़ा. दरअसल, दूसरे दिन का बॉक्स ऑफिस कलेक्शन भी काफी निराशाजनक था. बता दें कि सैकनिक की जारी की गई रिपोर्ट के अनुसार फिल्म द्वारा दूसरे दिन महज 65 लाख रुपये की कमाई हुई है.
आपको बता दें कि भीड़ फिल्म की कास्टिंग काफी अच्छी हुई है. लीड रोल में राजकुमार राव, भूमि पेडनेकर, पंकज कपूर, आशुतोष राणा, दीया मिर्जा, संजय मिश्रा, कृतिका कामरा लीड रोल्स में शामिल हैं.
अब अगर इस फिल्म ‘भीड़’ के कहानी की बात की जाए तो यह एक सच्ची घटना पर बनी है. दरअसल, वर्ष 2020 में कॉविड 19 के कारण पूरे देश भर में हाहाकार मच गया था. इस महामारी ने पूरी दुनिया को अपने चपेट में ले लिया था जिसके कारण कई लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा तो वहीं कई लोगों ने अपने परिजनों को खो दिया. केवल जान ही नहीं लोगों की तो रोजी रोटी भी इस महामारी ने छीन ली थी. साथ ही छात्रों की पढ़ाई में भी काफी नुकसान हो रहा था. जब भी हम टेलीविजन खोलते थे तब हर घंटे नए-नए केस देखने को मिल ही जाते थे. बता दें कि जब लॉकडाउन हुआ तो मजदूरों की समस्याएं बढ़ गई. लॉकडाउन के कारण उनके कमाने का एकमात्र जरिया भी उनसे छीन गया था. यही वजह थी कि रोजी रोटी ना मिलने के कारण लॉकडाउन के समय में मजदूर अपने अपने घर या गांव में निकल गए थे. जिससे उन्हें काफी कठिनाइयों का सामना भी करना पड़ा.