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अकबर की नौकरी के लिऐ प्राइवेट पार्ट कटवा के किन्नर बन जाते थे नौजवान, जहांगीर ने लगाई थी पाबंदी

अकबर की नौकरी के लिऐ प्राइवेट पार्ट कटवा के किन्नर बन जाते थे नौजवानए जहांगीर ने लगाई थी पाबंदी

17वी शताब्दी मे जब मुगल दरबार मे डच व्यापारी फ्रेंचिस्को पेल्सर्ट पहुंचे तब वहा का नजारा देख उसकी आंखे फटी की फटी रह गईं। वजह थी वहा मुगल दरबार मे बादशाह के आलावा जिस की सब से ज्यादा चलती थी वो किन्नर थे। उनका जीवन ऐशो आराम से भरा हुआ था। वो एक से बढ़कर एक कपडे पहनते थे। नौकर चाकर उनके आगे पीछे गुमते थे। ओर वो एक से बडकर एक घोड़े के मालिक थे।

indian express के एक आर्टिकल में लेखक अदरिजा रॉयचौधरी ने लिखा है। मुगलों के वक्त में किन्नर काफी ताकतवर स्थिति में थे। कह सकते है के उनकी ही सत्ता थी। ओर बादशाह अकबर के शासन काल में उनकी ताकत और बढ़ी। अकबर के राजपाठ में हरम को संस्थागत दर्जा दिया गया। वहीं किन्नरों को सुरक्षा की सारी जिम्मेदारी सौंपी गई। हरम के ठीक बहार किन्नर को तैनात किया गया। सिर्फ किन्नर को हरम के अंदर जाने की अनुमति रहती थी।जब बादशाह हरम के अंदर होते तो ये उनके इर्दगिर्द घेरा बना लेते थे।हरम के बाहर दूसरे स्तर की सुरक्षा में राजपूतए तुर्की और कश्मीरी सिपाही तैनात रहते थे।
अकबर के शासन में नौजवान का काट देते थे प्राइवेट पार्ट
अकबर के शासन काल में किन्नर किस कदर ताकतवर थे इसको एक उदाहरण से समझा जा सकता है। रूबी लाल लिखती हैं कि सल्तनत में किन्नरों की इस कदर मांग थी कि लोग अपने नौजवान बच्चों के प्राइवेट पार्ट को काटकर किन्नर बना देते थे और सल्तनत की नौकरी में भेज दिया करते थे। अकबर के शासन के दौरान किन्नर नोकर भी थे और अफसर भी थे।अकबर की जीवनी ष्अकबरनामाष् में ऐसे ही एक किन्नर नियामत का जिक्र मिलता है जिसने एक बार बादशाह अकबर के सौतेले भाई अधम खान को हरम में जाने से रोक दिया था। अकबर के शासनकाल में सबसे ताकतवर अफसरों में एक इतिमाद खान भी किन्नर था।

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