धनतेरस पर इन पांच स्थानों पर जरूर जलाएं दीपक, जीवन में आएगी खुसहाली
प्रकाश पर्व दिवाली की शुरूआत धन तेरस से हो जाएगी। भगवान विष्णु के अवतार भगवान धनवंतरी की जयंती भी इसी दिन है। धनतरेस पर इस बार तीन पर्वों खास का योग बन रहा है। इसकी महत्ता को सर्वार्थ सिद्धि एवं अमृत सिद्ध योग भी बढ़ाएंगे। धनतेरस पर प्रदोषव्रत और हनुमान जयंती का संयोग भी है। खास बात यह है कि ये विशेष संयोग 27 वर्ष बाद बना है।
ज्योतिषाचार्य पंडित जमदग्रि शर्मा के अनुसार धनतेरस को खरीदारी के लिए बहुत ही शुभ संयोग है। इस अवसर पर लोग संपत्ति, आभूषण, बर्तन, जमीन, वाहन आदि की खरीदारी करते हैं। त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में मां लक्ष्मी की पूजा करना हितकारी होगा। इस बार त्रयोदशी तिथि में प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त 22 अक्टूबर को ही है। इसलिए धनतेरस का पर्व 22 अक्टूबर को मनाना ही उत्तम होगा। 23 अक्टूबर को प्रदोष काल के आरंभ होते ही त्रयोदशी तिथि समाप्त हो जाएगी।
धनतेरस पर पूजा का शुभ मुहूर्त
शाम 7. 01 बजे से से रात 8.17 बजे तक, पूजन की अवधि करीब सवा घंटे रहेगी, इस शुभ अवधि में मां लक्ष्मी, गणेश व धनवंतरी की पूजन करने से सुख-समृद्धि व खुशहाली की प्राप्ति होती है।
धनतेरस पर इन पांच स्थानों पर दीपक जरूर जलाएं
- घर के दरवाजे अर्थात प्रवेश द्वार पर
- तुलसी के पौधे के पास नीचे
- घर के आंगन में
- पूजा के स्थान पर
- पीपल के पेड़ के नीचे, लेकिन शाम होने से पहले