Oscar Award 2023: हर देश के लिए बहुत गर्व की बात है कि उनके यहां ऑस्कर अवॉर्ड आए. क्योंकि यह एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री का सबसे बड़ा अवार्ड माना जाता है. फिल्म इंडस्ट्री का व्यक्ति सालो इतनी मेहनत करता है ताकि उसे इस अवार्ड से नवाजा जा सके लेकिन बहुत कम ही लोग होते हैं जिनकी किस्मत में यह होता है. इस अवॉर्ड के लिए हमारे देश भारत से भी फिल्में अलग-अलग कैटेगरी के लिए नॉमिनेटेड होती हैं. जैसे की इस बार एसएस राजामौली की फिल्म आरआरआर के गाने नाटू-नाटू को बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग कैटेगरी के लिए नॉमिनेट किया गया गया है जिसने ऑस्कर जीत कर भारत में इतिहास रच डाला. और पूरे भारतवासियों का नाम ऊंचा कर दिया. केवाला एक्टर एक्ट्रेस या फिल्म इंडस्ट्री ही नहीं बल्कि पूरा भारत खुद पर इस वक्त गर्व महसूस कर रहा है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम भारत के निवासी हैं और हम भारतीयों में 1 गुण तो पैदा होते ही आ जाता है कि किसी भी चीज को देखते ही उसकी कीमत के बारे में पता करने की उत्सुकता. कई बार आपके भी दिमाग में आया होगा कि ऑस्कर अवार्ड की आखिर कितनी होती है. अगर आप की भी इच्छा है कि आप इसकी कीमत के बारे में जाने तो चलिए हम आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि जिस ऑस्कर अवार्ड को जीतने के लिए हर फिल्म निर्माता इतनी कड़ी मेहनत करता है उसकी कीमत मात्र $1 है जी यानी की 81.89 यानी करीब 82 रुपये. लेकिन इसमें एक खास बात है कि आप इस ट्रॉफी को बेच नहीं सकते हैं. अब अगर ऑस्कर अवार्ड के बारे में विस्तार से जाने तो आपको बता दें कि ऑस्कर अवार्ड इसे पहले सॉलिड ब्रॉन्ज में निर्माण किया जाता था. किंतु कुछ वक्त बाद इस पर 24 कैरट गोल्ड से कोट किया जाने लगा. उसके कुछ समय बाद उसे ऐसे बनाने से भी बंद कर दिया गया साथ ही बदलते समय के साथ साथ नई तकनीकों का इस्तेमाल किए जाने लगा. दरअसल, 2016 के बाद से यूएस की फाइन आर्ट कंपनी पोलिश टॉलिक्स ऑस्कर अवार्ड्स को बनाने लगी.
बता दें कि ऑस्कर अवॉर्ड को 3 डी प्रिंटर की मदद से बनाते हैं और फिर वैक्स से कोट कर देते हैं. इस प्रोसेस के कुछ समय बाद इसे सिरेमिक शेल से कोट कर शेप दे दिया जाता है. फिर कुछ हफ्ते रेस्ट के लिए रखने के बाद 1600 डिग्री फेरेनाइट पर तपाया जाता है. इतना होने के बाद इसे लिक्विड ब्रॉन्ज में ढाला जाता है, और फिर पॉलिश करने के बाद अवार्ड्स को ब्रूकलिन लाकर 24 कैरट सोने की परत चढ़ाई जाती है. साइज की बात करें तो अवार्ड का साइज 13.5 इंच लंबा होता है और इसका वजन लगभग 8.5 पाउंड होता है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, एक अवार्ड को बनकर तैयार होने में कम से कम 3 महीने का वक्त लग ही जाता है.
जानकारी के लिए आपको बता दें कि एक ऑस्कर अवॉर्ड का निर्माण करने की असल कीमत 32 हजार से अधिक होती हैं. हालांकि, एकेडमी द्वारा इसे खरीदने की कीमत एक डॉलर में ही फिक्स की है. अहम बात बता दें कि ऑस्कर के स्टैच्यू यानी की ऑस्कर अवॉर्ड को बेचने या नीलाम करने से साफ इंकार है. एकेडमी के अनुसार, जो कोई इस अवॉर्ड को रखना नहीं चाहता है वो इसे महज एक डॉलर में एकेडमी को वापस कर सकता है. हालांकि अवॉर्ड जीतने वाला या फिर उस शख्स के परिवार को भी इसे बेचने की अनुमति बिलकुल नहीं है.
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