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चिकन-अंडे की अब नहीं जरूरत, शरीर को तंदुरुस्त और ताकतवर बनाने के लिए आयुर्वेदिक ये जड़ीबूटियां हैं बेहद कारगर

अधिकतर लोग बढ़ते वजन से परेशान हैं तो वहीं कुछ लोग दुबले-पतले शरीर से दुखी हैं। अगर तमाम तरह की चीजें खाकर या जिम जाकर भी वजन नहीं बढ़ा है तो परेशन नहीं हो आपको इन कुछ आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों को सेवन कर के देखिये, ये कमाल की औषधियों आपका कायाकल्प कर देंगी। आयुर्वेद प्राचीन वैद्यकीय विधा है। यह चिकित्सा पद्धति प्राचीन संस्कृति की धरोहर है। आयुर्वेद का उद्देश्य सिर्फ रोगों को दूर करना ही नहीं बल्कि स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करना भी है। आयुर्वेद एक ऐसी चिकित्सापद्धति है, जिसके कुछ सिद्धांत भी है। आयुर्वेद के दो प्रधान अंग है एक है संतर्पण और दूसरा है अपतर्पण।

संतर्पण अर्थात शरीर का पोषण करना और अपतर्पण याने शरीर में कटौती करना। संतर्पण शरीर के वजन को बढ़ाना। अब सवाल उठता है कि इस तरह से वजन बढ़ाने की जरूरत किस व्यक्ति को होती है। आयुर्वेद के अनुसार आठ प्रकार के व्यक्तियों की निंदा होती है, जिनमे मोटे और पतले व्यक्ति भी शामिल हैं। पतले व्यक्तियों में वजन कम होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है। इसलिए ऐसे व्यक्तियों को अपनी सेहत सुधारने वजन बढ़ाना जरूरी होता है। आयुर्वेद में वजन बढ़ाने पोषण आहार सबसे महत्वपूर्ण होता है। लेकिन कुछ व्यक्तियों में सिर्फ पोषक आहार से वजन नहीं बढ़ता बल्कि उन्हें कुछ जड़ी बूटियों की भी जरूरत होती है। उन जड़ी बूटियों के बारे में जानते हैं जिनके सेवन से वजन बढऩे में अवश्य मदद मिलती है।

अश्वगंधा
अश्वगंधा बेहद ही लोकप्रिय है। अश्वगंधा की जड़ों को घोड़े याने अश्व जैसी गंध आती है इसीलिए इसे अश्वगंधा कहते हैं। अश्वगंधा का उपयोग कई रोगों को दूर करने में किया जाता है। यह वनस्पति तनाव, ऊर्जा की कमी, आलस, भूख न लगना, अनिद्रा सहित थकान दूर करने में लाभदायक होती है। स्वस्थ और पौष्टिक आहार के साथ इसे लें, तो निश्चित रूप से वजन बढ़ाने में भी अश्वगंधा काफी लाभप्रद है। इसे भूख बढ़ती है और अन्न का पचन अच्छा होता है जिससे धीरे-धीरे वजन भी बढऩा शुरू हो जाता है। अश्वगंधा को दूध के साथ लेना ज्यादा असरदार हैं।

शतावरी
शतावरी की जड़े उंगलियों जैसी दिखाई देती हैं और इनकी संख्या सौ या सौ से भी अधिक होती है। इसलिए इसे शतावरी कहते हैं। महिलाओं के लिए शतावरी सर्वोत्तम होती है। पुरुष और महिला दोनों के लिए यह फायदेमंद होती है। कमजोरी, निर्बलता, धातु दुर्बलता, नपुंसकता और शारीरिक क्षीणता के लिए शतावरी बहुत ही लाभकारी होती है।

गोखरू
गोखरू का उपयोग कई रोगों में किया जाता है। इससे मांसपेशियों को भी मजबूती मिलती है शरीर की ताकत बढ़ती है। गोखरू से तनाव और अवसाद कम होता है जो शरीर को स्वस्थ रखने के प्राकृतिक उपाय है। वजन बढ़ाने में गोखरू का सेवन फायदेमंद माना जाता है। गोखरू से भूख बढ़ती है और वजन भी धीरे-धीरे बढ़ता है।

मुलेठी
मुलेठी एक मीठी लकड़ी होती हैै। इसमें कई तरह के प्राकृतिक तत्व होते हैं। मुलेठी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती प्रदान करती है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। मुलेठी की जड़ पाचन सुधार करती है जिससे वजन बढ़ता है।

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