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BJP rejects Shivraj: भाजपा ने शिवराज को नकारा; चार CM डमी कैंडिडेट को चुनाव मैदान में उतारा

विंध्य भास्कर डेस्क। मध्य प्रदेश विधान सभा चुनाव को लेकर भाजपा ने दूसरी दावेदारों की सूची जारी कर दी है। भाजपा की इस सूची में बड़ा उल्टफेर कई संदेश दे रहे है। इस सूची में जहां भाजपा को सत्ता जाने की बैचेनी बता रही है। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जगह अलग चेहरा भी रखने की कोशिश की गई है। यहीं कारण है कि इस सूची मे तीन केन्द्रीय मंत्री सहित चार ऐसे सांसद को मैदान में उतार है जो प्रदेश की मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल है। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा को सत्ता गवानें का डर है। यही कारण है भाजपा अपने दिग्गज नेताओं को सीट से उतरा है।

बता दें वर्ष 2018 के चुनाव में पांच राज्यों में भाजपा को सिर्फ मणिपुर में जीत मिली थी। इनमें छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश के बाहर हो गई थी। इसके बाद इन राज्यों में सत्ता वापसी के लिए भाजपा ने लोटस अभियान चलाया था। इसमें जहां वहां ज्योतिरादित्य सिंधिया की मदद से प्रदेश में सत्ता पाने में भाजपा सफल रही। वहीं राजस्थान में लोटस कमल फेल हो गया। इसके बाद भाजपा 2023 में चुनाव के पहले लगातार सीएम शिवराज सिंह चौहान की जगह शीर्ष नेतृत्व बदलकर गुजरात मॉडल लागूू करने का प्रयास किया। लेकिन शिवराज गुट के विधायकों की संख्या को देखते हुए ऐसा नहीं हो सका। ऐसे में अब इसी दूसरी सूची में बड़ा उल्टफेर को जनता को नेतृत्व परिवर्तन का भी संदेश देने का प्रयास किया है।

शिवराज गुट को नहीं मिली जगह

भाजपा ने जो दूसरी सूची जारी की है। इसमें भाजपा ने शिवराज गुट के लोगों को टिकट नहीं देकर शीर्ष नेतृत्व ने अपने सर्वे के अनुसार 39 टिकटों में दोवदार उतारे हैै। यहीं कारण है जिन सांसदो को विधानचुनाव में टिकट दिया गया है। इनमें कई सांसद पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ने जा रहे हैै। इनमें प्रहलाद पटेल, सांसद गणेश सिंह और रीती पाठक शामिल है। वहीं नरेन्द्र सिंह तोमर की पंद्रह साल बाद वापस विधानसभा चुनाव लड़ेंगें।जबकि भाजपा ने उन्हें प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति के जिम्मेदारी सौेंपी थी।

शीर्ष नेतृत्व ने संभाला मोर्चा

भाजपा के इतिहार में 80 के बाद दूसरा यह मौका है जबकि पार्टी मुख्यमंत्री के चेहरा के बिना मध्य प्रदेश में चुनाव लड़ रही है। यही कारण है विधान सभा चुनाव के पहले जा मोदी से सात से अधिक सभाएं मध्य प्रदेश में पिछले तीन माह के अंदर हुई है। वहीं गृहमंत्री अमित शाह को नियमित दौरा है। बताया जा रहा है कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भाजपा को जीत को लेकर संशय है। ऐसे में वह मध्य प्रदेश से किसी भी स्थिति में सता नहीं गवाना चाह रही है। यही कारण है कि भाजपा का शीर्ष नेतृत्व अब चुनाव मैदान में उतर आया है।

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