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पुरुषो से 8 गुना ज़्यादा प्रबल होती है महिलाओं में ये काम करने की इच्छा, खुद पर नहीं कर पाती कंट्रोल

महिलाओ के लिए अक्सर यह कहा जाता है l के पुरुषो की तुलना मे उनमे सहनशीलता ज़्यादा होती है, लेकिन महिला मे कुछ इच्छाएं ज़्यादा पाई जाती है जिसे वों खुद पर कंट्रोल नहीं कर पाते है। रणनीतिकार,नीतिशास्त्री,कूटनीतिज्ञ,रणनीतिकार और अर्थशास्त्री के रचिता आचार्य चाणक्य को कौन नहीं जानता जिन्होने अपनी नीते से चंद्रगुप्त मौर्य जैसे एक साधारण से बालक को मगध का सम्राट बना दिया था।

आचार्य चाणक्य ने कही किताबों की रचना की, लेकिन चाणक्य नीति बेहद ख़ास और प्रचलित है। चाणक्य नीति मे जीवन और व्यक्ति से जुडी हर रिश्ते का वर्णन किया गया है। जिस मे मित्र, पत्नी, मात पिता और भाई आदि सब रिश्ते को बारे मे बताया है। अगर कोई व्यक्ति चाणक्य नीति को अपने जीवन मे अपनाते है तो निश्चित उनको सफलता मिलती है, चाणक्य नीति मे आचार्य चाणक्य ने स्त्रिओ की कुछ इच्छा के बारे मे बताया है।

चाणक्य नीति श्लोक:

स्त्रीणां द्विगुण आहारो लज्जा चापि चतुर्गुणा।

साहसं षड्गुणं चैव कामश्चाष्टगुणः स्मृतः॥

आचार्य चाणक्य यह श्लोक मे बताया है स्त्रीयो की भूख पुरुषो की तुलना मे दोगुनी होती है, पुरुषो की तुलना मै स्त्रियों शर्म यानि की लज्जा 4 गुना ज़्यादा होती है। पुरुषो की तुलना स्त्रियों मे साहस 6 गुना ज़्यादा होता है और स्त्रियों मे कामशक्ति 8 गुना ज़्यादा पुरुषो की तुलना मे होती है lजैसे की आचार्य चाणक्य ने बताया के लज्जा ओर सहनशीलता के भावना स्त्रियों मे पुरुषो की तुलना मे ज़्यादा होते हुवे भी वों अपनी इच्छा कभी नहीं बताती।

मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टस्त्रीभरणेन च।

दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यंवसीदति॥

चाणक्य नीति के इस श्लोक मे चाणक्य बतात ते है अगर शिष्य मूर्ख है तो उसे उपदेश देना व्यर्थ है। उसे उपदेश देना छोडदो,अगर आपका धन नष्ट हो चुका है या फिर आप किसी दुखी इंसान के साथ तालमेल बना रहे हैं तो आप कितने भी बुद्धिमान क्यों ना हों आपको कष्ट झेलना ही पड़ेगा। अगर स्त्री दुष्ट है तो उसका पालन-पोषण करना बेकार है l चाणक्य नीति मे जीवन सही तरीके से जीने का पूरा सार है। मनुष्य को अपने जीवन मे चाणक्य नीति को जरूर अपना ना चाइये और अपने जीवन वो सुखद बनना चाइये।

(नोट-इस न्यूज़ में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं, विंध्य भास्कर इनकी पुष्टि नहीं करता है।)

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