मध्य प्रदेश

Panna News : पति-पत्नी दोनों एक साथ चुने गए सरपंच, गांव में उत्सव का माहौल

Panna News : पंचायत चुनाव में अलग-गलग तस्वीरें सामने आ रहीं हैं। जिले के ग्राम पंचायत डड़वरिया निवासी गर्ग परिवार के पति-पत्नी दोनों सरपंच का चुनाव जीत गए हैं। खास बात यह है कि दोनों को गांव वालों ने ही चुनाव में खड़े होने के लिए प्रेरित किया और प्रचार अभियान भी संभाला। पति ओमप्रकाश गर्ग ने अपने ननिहाल गुनौर जनपद के ग्राम पंचायत सथनियां से सरपंच चुने गए हैं और उनकी पत्नी पुष्पा गर्ग पन्ना जनपद की ग्राम पंचायत डड़वरिया से सरपंच निर्वाचित हुई हैं। पति-पत्नी के एकसाथ सरपंच चुने जाने से दोनों गांवों में खुशी का माहौल है, लोग जश्न मना रहे हैं।

राजनीति से रहा है पुराना संबंध

ग्राम डड़वरिया निवासी ओमप्रकाश गर्ग ने बताया कि गुनौर जनपद के ग्राम सथनिया में उनका ननिहाल है। यहां की मतदाता सूची में उनका नाम है। उनके परिवार का राजनीति से पुराना संबंध रहा है। उनके बब्बा रामसेवक गर्ग स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हैं। श्रीनिवास तिवारी रीवा और विद्यावती चतुर्वेदी छतरपुर उनके साथियों में शामिल थे। वे पूर्व में भी यहां से जनपद सदस्य रह चुके हैं। हालांकि हार्ट पेशेंट होने के कारण वो चुनाव नहीं लडऩा चाहते थे, लेकिन सथनियां के लोगों ने ही उनका नामांकन जमा किया था और पूरा प्रचार अभियान संभाला। सथनियां में पहले चरण में 25 जून को मतदान हुआ। मतगणना पत्रक के अनुसार उन्हें जनता ने 408 वोटों से जिता दिया। पेशा से किसान ओमप्रकाश बातते हैं कि वे बीए प्रथमवर्ष तक की शिक्षा ही ग्रहण कर पाए थे। उनका एक बेटा इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद इंदौर से यूपीएसपी की तैयारी कर रहा है तो दूसरे बेटा एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहा है।

गांववालों ने संभाला प्रचार अभियान

उनकी पत्नी पुष्पा गर्ग गृहणी हैं। ग्राम पंचायत डड़वरिया से सरपंच पद के लिए नामांकन भरने के बाद उनके चुनाव प्रचार अभियान की जिम्मेदारी गांव के लोगों और समर्थकों ने ही संभाली। पूरे प्रचार के दौरान पुष्पा एक-दो दिन ही जनसंपर्क में निकलीं होंगी। इसके बाद भी पूरे पंचायत के लोगों से उन्हें समर्थन मिला। ओमप्रकाश बताते है कि सथनिया और डड़बरिया की दूरी करीब 40 किमी. है। वे नियमित रूप से सथनिया में ही रहते हैं। उनकी देखभाल और अन्य व्यवस्थाएं कर्मचरी करते हैं। जबकि पत्नी डड़वरिया में ही रहती हंै। वे डड़वरिया और सथनियां दोनों जगहों पर आते-जाते रहते हैं। हर किसी के सुख-दुख में शामिल होते हैं। इसी कारण से गांव के लोग उनका समर्थन और सम्मान करते हैं।

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