मध्य प्रदेश

Ladli Bahan Yojana: इस महीने आएगी लाडली बहन योजना की पहली किस्त, सीएम शिवराज ने अधिकारियों को दिया आदेश

MP Ladli Bahna Yojana 2023 : लाडली बहन योजना के आवेदकों के लिए महत्वपूर्ण सूचना! दरअसल शिवराज सिंह चौहान द्वारा 5 मार्च को लाडली बहन योजना का शुभारंभ किया गया था. और इसकी आवेदन प्रक्रिया 25 मार्च से आरंभ हो गई थी. बता दें कि इस वक्त भी लाडली बहन योजना के आवेदन फॉर्म भरने का प्रोसेस चल रहा है. इस वक्त 3200000 से अधिक आवेदन फॉर्म प्राप्त हो चुके हैं. जानकारी के लिए आवेदकों को बता देगी आवेदन की अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2023 निर्धारित की गई है तथा आवेदन प्राप्त होने के बाद इसकी अंतिम सूची 31 मई को जारी कर दी जाएगी और पात्र महिला उम्मीदवारों के खातों में 1000 रुपए की राशि 10 जून को दे दिया जाएगा.

उल्लेखनीय तो यह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान स्वयं इस योजना पर नियंत्रण किए हुए हैं. सीएम द्वारा अधिकारियों को आदेश दिए गए है कि, “सीमावर्ती जिले ध्यान रखें, बाहर के आवेदन न आएँ. साथ ही कहा कि आगामी 10 जून से योजना में बहनों को राशि मिलना शुरू हो जाएगी. अप्रैल माह में प्रपत्र पूर्ति करवाने का कार्य पूरा नहीं हुआ, तो इस तिथि को बढ़ाया भी जा सकता है.”
दरअसल मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बताया गया कि ऐसी योजना के लिए आयोजित किए गए शिविरों में अधिकारी-कर्मचारी और जन-प्रतिनिधि ने इस योजना से संबंधित आवेदन प्रक्रिया के बारे में पूरी इंफॉर्मेशन दे रहे हैं. बता दें कि इस योजना के लिए आयोजित किए जा रहे शिविरों में कुछ महिलाओं को कुछ लोग ज्यादा राशि देने का लालच और वादा कर रहे हैं. इसलिए सरकार द्वारा यह जारी कर दिया गया है जो भी ऐसा करता पकड़ा गया उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी. इतना ही नहीं अगर जरूरत पड़ी तो शासकीय कार्य में अड़चन पैदा करने वाले को दोषी करार कर उसके खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी.
जैसा कि आपको पता ही है कि इस योजना का लाभ केवल मध्यप्रदेश की महिलाएं ही उठा सकती है लेकिन अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो राज्य के बाहर होने के बावजूद इस योजना से लाभान्वित होने का प्रयास कर रहे हैं. जो कि प्रावधानों के खिलाफ है. यह बात साफ साफ बता दी गई है कि कोई भी अन्य राज्य का आवेदक इस योजना का लाभ नहीं ले सकता है. सरकार ने इस बात पर कटाक्ष करते हुए कहा कि, “सीमावर्ती जिले में यह ध्यान रखें कि बाहर के आवेदक न आएँ. कलेक्टर्स ऐसे मामलों पर नजर रखें और आवश्यक कार्यवाही करें.”

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