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Rewa News : बाल संप्रेक्षण बंदी गृह के अधीक्षक पर अपहरण का मामला दर्ज ; बाल बंदियों को अपने घर में काम करवाने ले जाते थे अधीक्षक

रीवा। बाल संप्रेक्षण बंदी गृह में बंद अपचारी बालकों को अधीक्षक अपने घर लेकर जाते थे और उनसे घरेलू काम करवाते थे। बिना किसी सक्षम अधिकारी के आदेश के वे अपचारियों को बाहर निकालते थे। जांच के बाद विभाग ने प्रतिवेदन पुलिस को सौंपा, जिस पर पुलिस ने उनके खिलाफ अपहरण का प्रकरण पंजीबद्ध किया है। बाल संप्रेक्षण बंदी गृह से अपचारी बालकों के भागने की घटनाओं ने यहां की सुरक्षा व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया है। वहीं अब खुद अधीक्षक के द्वारा अपचारी बालकों केा बिना किसी आदेश के बाहर निकालने का मामला सामने आया है।

दो साल पुराना है मामला

पूरा मामला जुलाई 2021 से नवम्बर 2021 के बीच का है। उस समय यहां बाल संप्रेक्षण बंदी गृह में अधीक्षक के तौर पर अनिल जैन पदस्थ थे। वे बाल संप्रेक्षण बंदी गृह से बच्चों को बिना किसी आदेश के बाहर निकालते थे। वे उनको अपने घर लेकर जाते और वहां उनसे काम करवाते थे। बाद में उनको वापस बाल संप्रेक्षण बंदी गृह में लाकर छोड़ देते। यह उन्होंने कई महीनों तक किया था। पूरा मामला जब सामने आया तो विभाग में हड़कंप मच गया।

विभाग की शिकायत पर मामला दर्ज

जानकारी मिलते ही महिला बाल विकास विभाग के सहायक संचालक आशीष कुमार द्विवेदी ने समान थाने में शिकायत दर्ज कराई जिस पर पुलिस ने तत्कालीन अधीक्षक अनिल जैन के खिलाफ धरा 363, किशोर न्याय अधिनियम 2015 की धारा 79 के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है। पुलिस अब पूरे मामले की जांच कर रही है।

जांच में सामने आया फर्जीवाड़ा, सात अपचारी बालकों को लेकर गए थे घर

यह पूरा मामला अधिकारियों के संज्ञान में एक शिकायत के माध्यम से आया था। उनके द्वारा अनाधिकृत रूप से बच्चों को बाहर निकालने की शिकायत हुई थी जिसकी महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जांच कराई गई। जाचं में सात अपचारी बालकों को अपने घर लेकर जाने के साक्ष्य सामने आए है। जांच में शिकायत सही मिली जिसके बाद उनके खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।

कठघरे में संप्रेक्षण बंदी गृह की सुरक्षा व्यवस्था

बाल संप्रेक्षण बंदी गृह की सुरक्षा व्यवस्था कठघरे में खड़ी हो गई है। हाल ही में सुरक्षा व्यवस्था को धता बताकर आठ बच्चे एक साथ यहां से निकलकर फरार हो गए थे। इनमें दो बच्चे रतहरा से पकड़े गए जिन्होंने यह बोलकर सनसनी फैला दी थी कि छत के दरवाजे की चाभी अधीक्षक उनको देकर रखते थे। ऐसा नहीं है कि यहां की सुरक्षा व्यवस्था की पोल पहली बार खुली है। इससे पहले भी कई बार सुरक्षा में चूक सामने आई है लेकिन हर बार व्यवस्था सुधारने के सिर्फ दावे किये गए है। जमीनी स्तर पर उसे सुधारने का प्रयास नहीं किया गया।

घटना की चल रही जांच

बाल संप्रेक्षण बंदी गृह के तत्कालीन अधीक्षक के खिलाफ अपहरण का मामला पंजीबद्ध किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा शिकायत करने पर यह कार्रवाई की गई है जिसमें वे अनाधिकृत रूप से बच्चों को बाहर निकालकर उनको अपने घर लेकर जाते थे। पूरे मामले की जांच की जा रही है। जांच के बाद आगे कार्रवाई की जायेगी।

जेपी पटेल, थाना प्रभारी समान




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