World Tiger Day : विंध्य में बढ़ा बाघों का कुनबा, फाइलों में दबे अभयारण्य के प्रस्ताव
रीवा. विंध्य में बाघों का कुनबा लगातार बढ़ रहा है। सतना के मझगवां और रीवा के सेमरिया क्षेत्र के जंगलों में बाघों के मूवमेंट मिलते भी हैं। लेकिन, इन दोनों ही जगह अभयारण्य बनाए जाने के प्रस्ताव कई साल से फाइलों में दबकर रह गए हैं। जिले में सेमरिया से लेकर सिरमौर, अंतरैला क्षेत्र में बाघों के पसंद के अनुसार जंगल में माहौल है। बाघों के इस प्राकृतिक रहवास क्षेत्र को संरक्षित कर अभयारण्य बनाने की मांग लंबे समय से उठती रही है। सांसद जनार्दन मिश्रा और राज्यसभा सदस्य राजमणि पटेल अभयारण्य बनाकर बाघों के लिए संरक्षित एरिया बनाने की कई बार मांग कर चुके हैं। करीब चार वर्ष पहले वन विभाग ने एक प्रस्ताव तैयार किया था, जिसमें सेमरिया से लेकर सिरमौर, अंतरैला क्षेत्रों के जंगलों को इसमें शामिल करने की बात कही गई थी। इस प्रस्ताव पर सरकार की ओर से कोई प्रयास नहीं किया गया।अधिकारियों का भी मानना है कि यह जंगल सतना जिले के मझगवां क्षेत्र के जंगल से लगा है। इसलिए बाघों के विचरण के लिए पर्याप्त जगह रहेगी। बाघों का अभयारण्य बनाए जाने से पर्यटन की संभावनाएं भी भविष्य में रीवा में बढ़ेेंगी। 1995 में भी रीवा जिले में सिरमौर के चचाई, क्योंटी से लेकर पुरवा तक के क्षेत्र के लिए अभयारण्य बनाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। उस पर भी अभी कोई प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ी है।
मझगवां के जंगल में 10 से 12 बाघ
मझगवां के जंगल बाघों के लिए मुफीद हैं। 2016 से इस जंगल में पन्ना की एक बाघिन ने अपना परिवार बढ़ाना शुरू किया और आज इन्हीं जंगलों में बाघों की संख्या 10-12 हो चुकी है। अब इंतजार है बाघों के संरक्षण के लिए सेंचुरी का। सरभंगा अभयारण्य बनाने की कवायद वन विभाग ने 2018 से शुरू की। 16 दिसंबर 2021 को सतना वन मंडलाधिकारी विपिन पटेल ने नए सिरे से 13925.979 हेक्टेयर क्षेत्रफल को अभयारण्य बनाने का प्रस्ताव मुख्यालय भेजा। इसके बाद शासन स्तर से पत्राचार हुए। सेंचुरी बनने की सहमति का प्रस्ताव सांसद और चित्रकूट विधायक से मांगा गया, लेकिन इन जनप्रतिनिधियों ने चुप्पी साध ली। इन्होंने 10 महीने बाद भी वन विभाग को कोई प्रस्ताव नहीं दिया।
रीवा जिले में सेमरिया-सिरमौर के जंगल बाघों के अनुकूल हैं। यहां अभयारण्य बनाए की मांग पहले हुई थी, उसका फिर से अध्ययन कराने के बाद आगे की प्रक्रिया अपनाएंगे। सतना के मझगवां में अभयारण्य की प्रक्रिया चल रही है। – राजेश राय, मुख्य वन संरक्षक रीवा