क्राइममध्य प्रदेश

Ped News मामले में Narottam Mishra के खिलाफ सुनवाई आगे बढ़ी

दतिया। 2008 के विधानसभा चुनाव में पेड़ न्यूज के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को कुछ दिन की राहत और मिल गई है। इस मामले में अब 12 अप्रैल 2023 को सुनवाई को होगी। पेड़ न्यूज मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं संजय कुमार की डिवीजन बेंच में बहस होना थी लेकिन बैंच के समक्ष सुनवाई के लिए मामले अधिक होने की वजह से दोनों पक्षों की सहमति से सुप्रीम कोर्ट ने अगली तारीख लगा दी। अब इस मामले में 12 अप्रैल को सुनवाई होगी। इस मामले में दतिया के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता राजेंद्र भारती फरियादी हैं। भारती की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा एवं प्रदीप विसोरिया पैरवी कर रहे हैं

प्रदेश गृह मंत्री की अयोग्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बढ़ी तारीख जानिए क्यों
अब 12 अप्रेल को आ सकता है निर्णय

2008 के विधानसभा चुनाव में पेड़ न्यूज के मामले में प्रदेश के गृह मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा को कुछ दिन की राहत और मिल गई है। इस मामले में अब 12 अप्रैल 2023 को सुनवाई को होगी। पेड़ न्यूज मामले में गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया एवं संजय कुमार की डिवीजन बेंच में बहस होना थी लेकिन बैंच के समक्ष सुनवाई के लिए मामले अधिक होने की वजह से दोनों पक्षों की सहमति से सुप्रीम कोर्ट ने अगली तारीख लगा दी। अब इस मामले में 12 अप्रैल को सुनवाई होगी। इस मामले में दतिया के पूर्व विधायक एवं कांग्रेस नेता राजेंद्र भारती फरियादी हैं। भारती की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा एवं प्रदीप विसोरिया पैरवी कर रहे हैं। बता दें कि इस मामले में निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा को चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य ठहराया है। इस मामले में प्रदेश के गृह मंत्री ने सुप्रीप कोर्ट में अपील दायर की है।

इसकी सुनवाई 2 मार्च को होनी थी। यही कारण है कि प्रदेश के गृह मंत्री अचानक विधानसभा छोड़कर दिल्ली चले गए थे। सुप्रीम कोर्ट ने यदि सुनवाई उपरांत निवार्चन आयोग का फैसला यथावत रखा तो प्रदेश के गृह मंत्री की कुर्सी खतरे में पड़ जाएगी है। यही कारण है कि फैसले की तारीख को लेकर वह स्वयं दिल्ली पहुंच गए थे। बताया जा रहा है कि वर्ष २००८ के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के राजेन्द्र भारती ने इस आशय को लेकर निर्वाचन आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी कि चुनाव के दौरान उन्होंने खर्च की जानकारी सही तरीके से नहीं दी है और वास्तविक खर्च को चुकाया है। इस मामले में निवार्चन आयोग ने उन्हे विधान सभा चुनाव लडऩे के अयोग्य करार दिया था, इसके विरुद्ध व सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी।

Related Articles

Back to top button