मध्य प्रदेशराष्ट्रीयरीवालोकसभा चुनाव 2024

रीवा सीधी मोहनिया टनल हादसे में हुई 13 लोगों की मौत, जिम्मेदारी से बच रही भाजपा सरकार व सीएम शिवराज

विंध्य भास्कर डेस्क : चुनावी साल में भाजपा सरकार की तैयारी इन दिनों सम्मलेन का दौर चल पड़ा है। इन सम्मेलनों में भीड़ जुटाने में सरकारी तंत्र लगा रहता है। इतना नहीं इन रैलियों में सरकार अपने नियमों को खुद तोड़ती है। सरकार रैली में 52 सीटर बस में 100 यात्री भी बैठे है तो कोई दिक्कत नहीं है। वहीं अन्य मामले में यह अपराध की श्रेणी में आता है। हर बार सरकार के इस भीड़ तंत्र बेगुनाहों गरीबों को जान गवानी पड़ रही है। सतना में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह को दिखाने शबरी महा सम्मेलन में सरकार पंद्रह सौ बसों के माध्यम से दो सौ किलोमीटर दूर से गरीब आदिवासियों को बुलाया है। इस शबरी सम्मेलन में से लौट रही दो बस हादसे का शिकार हुई है। इस बस सड़क दुर्घटना में 13 लोगों की मौत हो गई है। वहीं १० लोग गरीब अब जिंदगी और मौत के बीच झूले रहे है। इसके बाद परिवार में कहर टूट पड़ा है। अब उन परिवारों के लोग यह जबाव मांग रहे है कि आखिर इस घटना का जिम्मेदार कौन। हादसे के बाद सरकार व मुख्यमंत्री और भाजपा अब हादसे की जिम्मेदारी नहीं ले रहे हैं।

बता दें कि सतना में मेडिकल कालेज लोकार्पण के लिए शबरी महासम्मेलन आयोजित किया गया है। इसमें कोल आदिवासियो को लेकर एकत्र करने के लिए सरकार ने पूरी ताकत झोक दी। सीधी व शहडोल से आदिवासियों को लाने के लिए सरकार ने बसों को अधिग्रहण किया है। एक घंटे की सभा के लिए इन आदिवासियों को दो दिनो तक भूख प्यासे सफर करना पड़ा। महासम्मेलन के बाद जहां गृह मंत्री व सरकार सफल आयोजन से मद मस्त है। वहीं ५० परिवारो के लिए यह आंदोलन अभिशाप बन गया है। इनमें १३ लोगों ने जहां किसी ने अपना बेटा खो दिया है। तो किसी ने अपने पिता तो किसी ने भाई है। इस हादसे ने सरकारों के भीड़ तंत्र की व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा कर दिया है।

कानून की उड़ाई जाती है धज्जियां

रैलियों के दौरान सभी सुरक्षा मापदंड की खुले आम धज्जियां उड़ाई जाती है। बसों को ओव्हर सवारियां, ओव्हर स्पीड और घर लौटने की जल्दबाजी बड़ी हादसों की वजह बनती है। हैरान कराने वाली बात है कि जिन अधिकारियों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी होती है। वहीं अधिकारी इन रैलियों में भीड़ जुटाने के लिए नियमों को तोड़ते हुए आंख में पट्टी बांध लेते है। इन्हें बस अपनी नौकरी बचाने व नेताओं की वाहवाही लूटने सभी नियमों को तोड़ देते है। यहीं कारण है अक्सर रैलियों के बाद हादसे में लोगों को जान गवानी पड़ती है।

पूर्व मुख्यमंत्री का कांग्रेस अध्यक्ष ने सीएम को घेरा

इस हादसे मे पूर्व मुख्यमंत्री और कमलनाथ ने ट्वीट का इस मामले में हादसे की जिम्मेदारी लेने की बात कही है। घटना पर दुख व्यवक्त करते हुए उन्होंने कहा कि इसकी जिम्मेदारी शिवराज सिंह चौहान लें। इसके साथ ही सरकार घायलों को उपचार के व्यवस्था करें।

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