मध्य प्रदेश

बड़ा फैसला तंदूरी रोटियों पर लगा बैन, बनाने वालों पर लगेगा 5 लाख का जुर्माना

एमपी में जबलपुर में स्वाद के दीवानों के लिए तंदूर की रोटी ख़ाना ज़माने की बात ना हो जाये। दरअसल प्रशासन के एक आदेश ने होटल के मालिकों के साथ साथ रेस्टोरेंट वालों की भी नींद उड़ा दी है। प्रदूषण का बड़ते हुए प्रकोप को रोकने के लिए प्रशासन ने होटल और रेस्टोरेंट चालकों पर तंदूर बनाने पर रोक लगा दी है। वहीं इसके लिए खाद्य सुरक्षा विभाग ने 50 होटल के मालिकों पर को नोटिस जारी किया है। साथ ही यह भी कहा है कि लकड़ी और कोयला से बनने वाले तंदूरों पर तुरंत रोक लगा दें। इसके लिए आप इलेक्ट्रिक या एलपीजी का उपयोग करें।

तंदूर से निकलने वाले रोटियों पर भला किसके मुँह में पानी नहीं आयेगा। वहीं जबलपुर प्रशासन ने सख़्ती का रुख़ अपनाते हुए होटल और रेस्टोरेंट में तंदूर को बनाने से रोकने पर घोषणा की है। इसके तहत खाद्य सुरक्षा विभाग ने 50 होटलों पर नोटिस जारी कर तंदूर का कम से कम उपयोग करने के दिशा निर्देश दिये हैं। वहीं इसके बदले एलपीजी या इलेक्ट्रिसी का उपयोग करने को कहा है।

प्रशासन का कहना है कि तंदूर में उपयोग लाया जाने वाला कोयला और लकड़ी प्रदूषण का कारण बनते हैं। वहीं तंदूर की रोटियों में कॉर्बन डाई ऑक्साइड की मात्रा ज़्यादा होती है। जो की स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। वहीं तंदूर के बजाय होटल मालिकों को एलपीजी और इलक्ट्रिसिटी आधारित गैस का उपयोग करने का आदेश दिया है। इन नियमों का पालन ना करने पर होटल और रेस्टोरेंट मालिकों पर 5 लाख तक का जुर्माना लग सकता है।

इधर प्रशासन के इस आदेश को लोग सही नहीं मन रहे। उनका कहना है कि इलेक्ट्रिक और एलपीजी पर रोटियों का पहले जैसा स्वाद नहीं रहेगा। इसके अलावा एलपीजी और इलेक्ट्रिक आधारित चूल्हों का इस्तेमाल करने पर उन्हें आर्थिक रूप से हनी हो सकती है।

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