इंग्लैंड की धरती पर आगामी 7 जून से विश्व टेस्ट चैंपियशिप का फाइनल मुकाबला खेला जाएगा। फाइन की दोनों टीम आस्ट्रेलिया और भारत वहां पहुंच चुकी है। टेस्ट मैच ड्यूक बॉल से खेला जएगा। लेकिन भारतीय टीम SG बॉल से ही खेलेगी। क्या आप जानते हैं आईसीसी विश्व टेस्ट चैंपियनशिप मैच में कितने तरह के बॉल का इस्तेमाल होता है, अगल नहीं जानते हैं तो आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि कितने तरह की बॉल का इस्तेमाल होती है। वहीं उनकी खासियत क्या है-
भारतीय खिलाड़ियों ने आईपीएल 2023 समाप्त होने के साथ ही विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की तैयारी में लग गुए हैं। बता दें कि 7 जून से लंदन के ओवल क्रिकेट ग्राउंड पर भारत-ऑस्ट्रेलिया टीम आमने-सामने रहेगी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार WTC 2023 का फाइनल मुकाबला न्यूट्रल वेन्यू पर आयोजित होगा। वहीं टेस्ट मैच ड्यूक बॉल से करवाया जाएगा। आपको बता दें कि भारतीय टीम आईपीएल में SG बॉल से खेलती नजर आएगी।
विश्व टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल (WTC) मुकाबला ड्यूक बॉस खेला जाएगा
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि टीम इंडिया आईपीएल और WTC फाइनल के बीच मिले ब्रेक में ड्यूक बॉल से अभ्यास करती नजर आ रही है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारतीय खिलाड़ियों ने इस सीजन आईपीएल के लिए अभ्यास के दौरान ड्यूक बॉल का भी इस्तेमाल किया था। ताकि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में परेशानी न हो।
आपक सोच रहे होंगे कि ड्यूक बॉल और SG बॉल क्या होती है। आपको बता दें कि टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में ड्यूक बॉल का ही इस्तेमाल किया जाएगा। आइए जानते हैं-
इन-इन देशों में इस बॉल का किया जाता है इस्तेमाल-
विश्व क्रिकेट की बात करें तो इसमें सबसे ज्यादा कूकाबुरा बॉल का इस्तेमाल किया जाता है। आपको बता दें कि इस बॉल से 8 देशों में क्रिकेट खेली जाती है। इन देशों में श्रीलंका, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, साउथ अफ्रीका, जिम्बाब्वे और बांग्लादेश शामिल हैं।
कौन से बॉल का किस देश में इस्तेमाल, आइए जानते हैं-
SG- इस बॉला का इस्तेमाल केवल भारत में की जाती है
कूकाबुरा- जिम्बाब्वे, , न्यूजीलैंड, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, ऑस्ट्रेलिया, साउथ अफ्रीका, बांग्लादेश, श्रीलंका
ड्यूक- आयरलैंड, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज,
आइए जानते हैं SG बॉल, ड्यूक बॉल और कूकाबुरा गेंद की खासियत
- एसजी बॉल और कूकाबुरा
गेंदबाजी में रिवर्स स्विंग की बात करें तो एसजी और कूकाबुरा बॉल थोड़ी सी अलग गेंद है। बता दें कि इन दोनों बॉल में 50 ओवर के आसपास गेंदबाजी होने के बाद स्विंग देखने को मिलती है।
वहीं अगर एसजी बॉल की बात करें तो इसका निर्माण भारत में ही किया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस गेंद की सिलाइ ड्यूक बॉल की तरह ही रहती है। हालांकि इस गेंद से तेज गेंदबाजों के मुकाबले स्पिनर्स को अधिक मदद मिलती है।
- ड्यूक बॉल
इस बॉला का निर्माण इंग्लैंड में किया जाता है। इसकी खासियत ये होती है कि इस बॉल की सीम उभरी हुई रखी जाती है। इस बॉल की सिलाई की बात करें तो इसे हाथ से सिला जाता है। इस बॉल से तेज गेंदबाजों को अधिक मदद मिलती है। अन्य बॉल के मुकाबले इस गेंद की हार्डनेस 60 ओवर तक बनी रहती है। वहीं यह गेंद 20 से 30 ओवर बाद रिवर्स स्विंग होनी शुरु हो जाती है वहीं गेंदबाजी में मददगार साबित होती है।