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Sports News: क्या भारत के ‘ट्रंप कार्ड’ बनेंगे श्रीजेश, हॉकी वर्ल्ड कप को लेकर बड़ी उम्मीदें

भारत का राष्ट्रीय खेल हॉकी है। एक वक्त था जब हॉकी में भारत अकेले सिरमौर रहा करता था। मेजर ध्यानचंद जैसे खिलाड़ियों ने अपने जादुई खेल से हॉकी को सबके दिलों का फेवरेट गेम बना दिया था। पर 47 सालों से भारत अपने राष्ट्रीय खेल के विश्वविजेता बनने के लिए काफी पीछे हैं। भारत ने हॉकी का अंतिम वर्ल्ड कप वर्ष 1975 में जीता था। इसके बाद से 47 वर्ष बीत चुके हैं पर भारत अभी भी खिताबी मुकाबला जीतने में काफी पीछे हैं।

13 जनवरी को भारत ने जैसे ही स्पेन जैसी दिग्गज टीम को करारी शिकस्त दी भारत के हाकी प्रेमियों के दिलों में फिर से 47 साल पुराना सवाल उठ खड़ा हुआ कि क्या भारत इस बार विश्वकप का खिताब जीत पाएगा। इन 47 वर्षों में भारत कप जीतने की बात तो दूर टॉप तीन तक की पोजीशन तक नहीं पहुंच पाया है। भारत अगर हाकी का यह वर्ल्डकप जीतता है तो इसमें पीआर श्रीजेश की सबसे अहम भूमिका होगी। अपना चौथा वर्ल्ड कप खेल रहे श्रीजेश भारतीय हाकी टीम में गोलकीपर होने के साथ ही टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी भी है। ऐसे में खेल प्रेमियों में श्रीजेश को लेकर काफी उम्मीदें हैं।

गौर करने वाली बात है कि भारत ने हॉकी में आख़िरी बड़ी जीत 2021 में हासिल की थी। भारतीय टीम टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने में कामयाब हुई थी। ओलंपिक में टीम की ये जीत भारतीय टीम को 41 साल बाद मिली थी। टोक्यो से पहले 1980 के मॉस्को ओलंपिक में भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल जीता था। इसके अलावा एशियन खेलों में 32 साल के इंतज़ार के बाद 1998 में जीत दर्ज की थी। इस लिहाज़ से देखें तो भारतीय टीम के लिए हॉकी के विश्व कप का इंतज़ार बहुत लंबा (47 साल) हो चुका है। खेल विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय टीम के पास इस बार काफी कुछ पाने का सुनहरा मौका है।

टोक्यो ओलंपिक में कई भारतीय खिलाड़ियों ने हाकी में शानदार प्रदर्शन किया था। सबसे ज्यादा शानदार खेल श्रीजेश का रहा था। पिछले दो वर्षों से वो काफी अच्छे खेल का प्रदर्शन करते आ रहे हैं। वहीं कोच के तौर पर ग्राहम रीड भी बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। विशेषज्ञ पिछले दो दशक में विश्व कप खेलने वाली भारत की ओर से यह सबसे अच्छी टीम है। जिसमें युवा के साथ ही साथ अनुभव का बेहतर तालमेल देखने को मिलता है।

श्रीजेश के बारे में खेल विशेषज्ञ बताते हैं कि उन्होंने पिछले कई मौकों पर साबित किया है वो बड़े मैचों में भारत के लिए निर्णायक हो सकते हैं। वो एक बड़े खिलाड़ी हैं। श्रीजेश भारतीय हॉकी टीम में 2006 से खेल रहे हैं। 2004 में वो जूनियर इंटरनेशनल हॉकी टीम के लिए चुने गए थे। लेकिन 2011 के एशियन चैम्पियनशिप में पाकिस्तान के साथ फ़ाइनल मुकाबले ने श्रीजेश ने अपने शानदार प्रदर्शन से सबका दिल जीत लिया था। इसके बाद 2013 और 2014 के एशियन गेम्स में भारत की जीत में जिस तरह से उन्होंने अहम भूमिका निभाई, टीम में उनकी जगह नियमित हो गई। कुछ मैचों में उन्होंने टीम की कप्तानी भी की।

सचिन तेंदुलकर, इमरान ख़ान और लियोनेल मेसी जैसे तमाम खिलाड़ियों का वर्ल्ड कप जीतने का सपना इनके आख़िरी टूर्नामेंट में ही पूरा हुआ। भारतीय हॉकी के दीवाने चाहेंगे कि श्रीजेश की जगह आख़िरी टूर्नामेंट में विश्वकप जीतने वाले खिलाड़ियों की सूची में ज़रूर शामिल हो।

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