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Rewa Plane Crash: दिल्ली और मुबंई से पहुंच रही जांच एजेंसी, पहले भी हो चुका है हादसा

रीवा प्लेन हादसें में प्रशिक्षण पायलट की मौत हो गई है। गुरुवार की रात 11.30 बजे हादसे में प्रांरभिक जांच में अभी फाल्क्न कंपनी की बड़ी लापरवाही सामने आई है। प्रांरभिक जांच में अधिक कोहरे व खराब मौसम के कारण दुर्घटना की वजह मानी जा रही है। हालांकि इस घटना को लेकर दिल्ली व मुंबई से हादसे की जांच करने टीम रीवा पहुंच रही है। यह टीम शाम तक रीवा पहुंचेगी। इसके बाद वह घटना स्थल का निरीक्षण करेंगी। वहीं घटना को लेकर स्पष्ट जानकारी मिल सके। इसके पुलिस ने घटना स्थल पर सुरक्षा कर्मी तैनात कर दिए है।

बताया जा रहा है कि चोरहटा स्थिति हवाई पट्टी ने प्रदेश सरकार ने निजी फाल्कन कंपनी पायलटों को प्रशिक्षण के लिए लीज मे दिया है। जहां कंपनी अपनी आधा दर्जन छोटे प्लेन है। जिनका प्रयोग पायलट को प्रशिक्षण देने के लिया किया जाता है। गुुुरुवार को चोरहटा हवाई पट्टी से रात 11.20 मे हवाई जहाज ने रात के समय उड़ान भरी है लेकिन कोहरे के कारण विमान हादसे का शिकार हो गया है। सूत्र बताते है कि रीवा हवाई पट्टी में अभी रात के पास हवाई जहाज के उड़ान भरने की कोई व्यवस्था नहीं है। यहीं कारण है कि शाम के बाद यहां से कोई प्लेन उड़ान नहीं भर पाता है। इसके बावजूद रात में 11.३० बजे प्लेन की उड़ान भरने की घटना को बड़ी लापरवाही के रुप में देखा जा सकता है। हालाकि घटना के कारणों की स्थिति जांच के बाद ही स्पष्ट हो सकेगी।

दो साल पहले हुई है घटना

बतादें कि इस इसके पहले रीवा में फाल्कन कं पनी को विमान दो साल पहले रनवे से फिसल गया था। इस दौरान हवाई पट्टी में बंदर आने की वजह से यह घटना हुई थी। इस मामले को फाल्कन कंपनी ने पूरी तरह दबाने का प्रयास किया था। लेकिन मीडिया में खबरें छापने के बाद तत्कालीन कलेक्टर इलैया राजा टी ने मामले को ंगंभीरता से लेते हुए कंपनी के अधिकारियोंं को जमकर फटकार भी लगाई थी।

भारी पड़ सकती है लापरवाही

इस घटना के बाद हवाई पट्टी के आसपास लगे ग्रामीण व रहवासी क्षेत्रों मे भय का माहौल है। घटना के बाद ग्रामीणों को कहना है कि यह प्लेन अगर मंदिर के गुम्बज की जगह घरों व आबादी क्षेत्र में गिरता तो बड़ी जन हानि हो सकती थी।

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