क्राइममध्य प्रदेशरीवा

बाजार बैठकी वसूली को लेकर ननि क्षेत्र में चल रहा है गुण्डाराज, निर्धारित शुल्क से दोगुनी वसूली, ठेकेदार को संरक्षण देने का आरोप

रीवा : बाजार बैठकी एवं टैम्पो टैक्सी वसूली को लेकर नगर निगम क्षेत्र में गुण्डाराज कायम है। जो शुल्क से मुक्त है। उन्हें भी नहीं बख्सा जा रहा है। 1 अप्रैल से नगर निगम का नया ठेका बाजार बैठकी टैम्पो टैक्सी एवं पार्किंग का शुरू हो चुका है। यह ठेका 31 मार्च 2024 तक चलेगा। बाजार बैठकी एवं टैम्पो टैक्सी का ठेका 1 करोड़ 31 लाख रुपये में दिया गया है। इसके पहले वसूली को लेकर जो धंधा शुरू है वह कभी भी खूनी संघर्ष में बदल सकता है। क्योंकि ठेकेदार के गुर्गे शर्तों के विपरीत वसूली कर रहे हैं जिसमें नगर निगम के कर्मचारियों के शामिल रहने का आरोप है।

कहीं भी नहीं लगा वसूली बोर्ड

1 अप्रैल 2023 से नया ठेका शुरू हुआ है। उसी दिन ठेकेदार को नगर निगम द्वारा यह निर्देश दिया जा चुका है कि सीमा क्षेत्र में वसूली का बोर्ड लगाया जाय कि किससे कितनी वसूली करनी है। बावजूद इसके ठेकेदार द्वारा कहीं भी वसूली का बोर्ड नहीं लगाया गया है। बोर्ड दिखावे के लिए अगर लगाए भी जाते हैं तो ऐसे स्थान पर जहां कोई उसे देख नहीं सकता। पांच रुपए की जगह दस, दस के स्थान पर बीस और बोस के स्थान पर पचास रुपए की वसूली बाजार बैठकी के नाम पर शुरू हो चुकी है। उन ट्रकों से भी पैसे वसूले जा रहे हैं जो बाहर से आते हैं। नियम के मुताबिक जो सामान यहां पर उतारेगा और लोड करेगा उसी से ही वसूली का प्रावधान है।


शहर के समाचार पत्रों में गुंडाराज को लेकर लगातार छपती रही खबरें

रीवा शहर में बाजार बैठकी व वाहनो के शहर प्रवेश के नाम पर चल रहे गुंडाराज वसूली और जिन कार्यों को टैक्स से मुक्त किया गया है उनसे भी जबरन वसूली को लेकर लगातार स्थानीय अखबारों में खबरें छपती रही है लेकिन शहर सरकार व प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की। रीवा शहर के एक दैनिक समाचार पत्र ने प्रमुखता के साथ हैडिंग लगाकर खबर प्रकाशित किया है कि ” बाजार बैठ की वसूली को लेकर नगर निगम क्षेत्र में चल रहा गुंडाराज ” ” टैक्स से मुक्त हैं उन्हें भी नहीं छोडा जा रहा है ” इस तरह की हेडिंग शहर के कई प्रतिष्ठित समाचार में मिल जाती है लेकिन गुंडाराज खत्म नहीं हो रहा । कहने के लिए भले ही शहर में सरकार बदल गई हो लेकिन आज भी लोग इस गुंडाराज से प्रताड़ित हो रहे हैं।

बांस की टोकनी बनाने वाले भी दे रहे शुल्क

बांस की टोकनी फुटपाथ पर बेचने वाले भी दस रुपए नगर निगम के कर्मचारियों को दे कर ली जाती है। रहे हैं। रीवा शहर के पांच से छः स्थानों पर वैवाहिक सीजन में बांस की टोकनी बेचने वाले बैठते हैं जो कोठी कम्पाउण्ड, स्टेच्यू चौराहा, जानकी पार्क, सब्जी मंडी के अलावा कुछ अन्य स्थानो पर देखे जाते हैं। नाम न छापने की शर्त पर बांस की टोकनी वाले बताते हैं कि नगर निगम का एक लंबा सा कर्मचारी 10 रुपए शाम को लेने पहुंच जाता है। बताया जाता है कि लगभग सौ व्यापारी बांस की टोकनी बनाकर बेंचते हैं उनसे रोज एक हजार रुपए की वसूली कर ली जाती हैं।


बाजार बैठकी की दरें

फुटपाथ में बिक्री करने वाले – 5 रुपये

ठेला, गुमटी – 5 रुपए

टेक्टर -10 रुपए

ट्रक -20 रुपए

पार्किंग की ये दरें

स्कूटर – 5 रुपए

मोटर सायकल – 5 रुपए

ऑटो – 10 रुपए

कार – 10 रुपर

मोपेड – मुक्त

साइकिल – मुक्त

ये हैं वसूली से मुक्त

फुटपाथ पर बांस की टोकरी तथा मिट्टी के बर्तन बेचने वाले वसूली से मुक्त रहेंगे।


तीन बार देने पड़ रहे पैसे

सबसे ज्यादा परेशान सब्जी का व्यापार करने वाले किसान हैं। उन्हीं के साथ खरीददार भी वसूली को लेकर परेशान हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक सब्जी किसान जब सीमा में प्रवेश करते हैं तो प्रति बोरी उनसे 5 रुपए ले लिए जाते हैं इसके बाद जब वे मंडी पहुंचते हैं तब उन्हें शुल्क देना पड़ता है। इसी तरह से जब कोई अपने घर में कार्यक्रमों को लेकर सब्जी बोरियों में भरकर ले जाता है तो उससे भी ठेकेदार के गुर्गे पैसे वसूलते हैं। कुल मिलाकर वसूली को लेकर गुंडाराज चल रहा है। सब्जी विक्रेता संघ तो अब इनके विरोध में आंदोलन भी करने के मूड में आया है।


न ड्रेस न परिचय पत्र

ठेकेदार के गुर्गे जो वसूली कर रहे हैं वे न तो ड्रेस लगाए रहते न ही उनके पास परिचय पत्र रहता । अगर कोई शिकायत भी करना चाहे तो किसके नाम पर करेगा। शुल्क के नाम पर बनाई गई पर्ची में कहीं राशि अंकित नहीं है। इसीलिए मनमाफिक विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। वसूली बाजार बैठकी एवं टैम्पो टैक्सी वसूली को लेकर की जा रही है।


इनका कहना है

बजार बैठकी एवं टेम्पो टैक्सी शुल्क को लेकर एमआईसी द्वारा जो प्रस्ताव पारित है उसके विपरीत अगर वसूली की जाएगी तो संबंधित ठेकेदार के ऊपर जुर्माना भी किया जाएगा और एफआईआर भी कराई जाएगी। अवैध वसूली नहीं होने देंगे।

अजय मिश्र बाबा, महापौर


अवैध वसूली को लेकर किस तरह की कोई शिकायत नगर निगम में नहीं आई है। जैसे ही शिकायतें आएंगी ठेकेदार के विरूद्व कायर्वाई की जायेगी ।

एमएस सिद्दीकी, उपायुक्त राजस्व





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