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MP में स्मार्ट मीटर पर मचा बवाल; कांग्रेस ने किया विरोध, अधिकारियों ने कहा न माने तो बंद कर दो मोहल्ले की लाइट

रीवा। घरों में लगे मीटरों को चेंज कर लगाये जा रहे स्मार्ट मीटर को लेकर उपभोक्ताओं में गुस्सा दिखायी देने लगा है। उपभोक्ताओं का आरोप है कि स्मार्ट मीटर अन्य मीटरों की अपेक्षा तेज गति से चलता है, जिससे बिजली बिल के अधिक आने की संभावना बन रही है। मोहल्लेवासियों ने मांग की है कि पहले मीटर की तकनीकी जांच करायी जाये इसके बाद ही लगाया, अगर ऐसा नही किया गया तो बिजली विभाग के खिलाफ आंदोलन के लिये बाध्य होंगे।

बताया गया कि मंगलवार को बासघाट मोहल्ले में स्मार्ट मीटर लगाने पहुंचे निजी कंपनी के कर्मचारियों को भारी विरोध का सामना करना पड़ा स्थिति उस वक्त बिगड़ गई जब कार्यपालन अभियंता शहर संभाग मौके पर पहुंचे और मीटर नही लगवाने पर पूरे मोहल्ले की बिजली बंद करने की धमकी देने लगे इसे पार्षद सहित मोहल्ले की लोग आक्रोशित हो गए, बाद में स्थिति सामान्य हुई।

ठेका कम्पनी को वापस लौटाया
बताया गया कि उपभोक्ताओं के बढ़ते विरोध वजह से मीटर लगाने पहुंचे ठेका कंपनी के कर्मचारियों को वापस लौटना पड़ा। कुछ उपभोक्ताओं के विरोध के चलते स्मार्ट मीटर को निकालकर फिर से उनका पुराना मीटर ही लगाना पड़ा। इस विरोध के चलते बिजली कंपनी के कर्मचारी दिनभर परेशान रहे। बताते कि यह विरोध किसी एक मोहल्ले तक सीमित नहीं है, कई मोहल्लों में इसका विरोध किया गया। वार्ड के लोगों ने कहा है कि सरकार एक ओर मुफ्त की योजनाएं बांट रही है और दूसरी ओर उपभोक्ताओं के लिए नई आर्थिक समस्या उत्पन्न कर रही है।
जिस गति से मीटर चल रहा है उससे हर घर में महीने पांच से छह सौ यूनिट से अधिक मीटर चलेगा और इसकी बड़ी रकम चुकानी होगी। नया मीटर लगाने की शुरुआत शहर के चार प्रमुख वाडों से की गई है। जिसमें वार्ड 6, 13, 14 एवं 15 शामिल हैं। इन वार्डों से यह भी आरोप सामने आए हैं कि प्रयोग के तौर पर गैर भाजपा पार्षदों के वार्ड को चुना गया है। कांग्रेस पार्षद धनेन्द्र सिंह ने कहा है कि राजनीतिक साजिश के तहत लोगों को परेशान किया जा रहा है। जनता से जुड़े इस प्रमुख मुद्दे पर जरूरत पड़ी तो सड़क पर प्रदर्शन भी किया जाएगा।
विभाग का दावा: कई गुणों पूर्ण है स्मार्ट मीटर
स्मार्ट मीटर को लेकर एक ओर जहां उपभोक्ता कई कमियों को निकाल रहे हैं वहीं विद्युत विभागा का दावा है कि स्मार्ट मीटर कई गुणों से पूर्ण है, यह आधुनिक मीटर है जिसमें नया स्मार्ट मीटर रीडिंग और डाटा सीधे विभाग के सर्वर को भेजेगा। मीटर रीडर का काम अब खत्म हो जाएगा। मीटर में बढ़ते रीडिंग के बारे में भी उपभोक्ताओं को बीच-बीच में मैसेज के जरिए अपडेट मिलती रहेगी। 100 यूनिट तक सब्सिडी योजना लागू है, इसलिए 100 यूनिट पहुंचने से पहले और इसके पूरे होने की जानकारी उपभोक्ता को मिलेगी। ताकि वह चाहें तो बिजली का खर्च कम कर सकते हैं। नया मीटर पूरे प्रदेश में बदला जाना है। सतना और रीवा से इसकी शुरुआत हुई है। पहले नगरीय क्षेत्रों में मीटर बदले जाएंगे इसके बाद ग्रामीण क्षेत्रों में भी बदलाव किया जाएगा। फिलहाल नये मीटर को लेकर उठने लगे विरोधी स्वर पर विभाग आगे क्या कदम उठाती है, यह देखने वाली बात होगी।
कांग्रेसियों ने दी चेतावनी, विद्युत उपभोक्ताओ को प्रताड़ित करना बंद करे विद्युत अधिकारी, अन्यथा होगा आंदोलन
मध्य प्रदेश विद्युत विभाग द्वारा मतदान होते ही भाजपा सरकार के इशारे पर विद्युत उपभोक्ताओं को प्रताड़ित करने अत्यधिक भागने वाला स्मार्ट मीटर लगाने का जो कार्य ठेका कर्मचारियों के माध्यम से करा रहे हैं वह गलत और अवैधानिक है। उक्त विचार जिला कांग्रेस कार्यकारी शहर अध्यक्ष अनिल मिश्रा एडवोकेट एवं श्रीप्रकाश तोमर एडवोकेट ने जारी संयुक्त विज्ञप्ति में व्यक्त की। उन्होने आगे कहा कि बिना टेस्टिंग के स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं के सहमति वगैर किसी के घर में विद्युत विभाग के अधिकारी कर्मचारियो द्वारा यदि जबरन लगाया गया तो कांग्रेस पार्टी बर्दाश्त नही करेगी तथा जबर्दस्त विरोध करते विद्युत | विभाग के कार्यालय में कांग्रेस जन जंगी | आंदोलन करने को भी बाध्य होंगे। उन्होंने |
यह भी कहा कि चुनाव के पहले भाजपा की सरकार ने विद्युत बिल के नाम पर उपभोक्ताओं को खूब प्रताड़ित किया अब मतदान के बाद सरकार जाने की डर से जो विद्युत विभाग के अधिकारियों के माध्यम से विद्युत उपभोक्ताओं को प्रताड़ित करने का कार्य करा रहे है उसका परिणाम उन्हें भुगतना पड़ेगा।
कांग्रेस नेता ने कहा कि 3 दिसंबर के बाद कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद उन सब कर्मचारी अधिकारियों का हिंसाब जरूर होगा जो भाजपा सरकार के लूट में सहयोगी बन कर आम जनता का शोषण किए है व कर रहे है। उन्होंने विद्युत विभाग के संभागीय अधिकारी से आग्रह किया कि विद्युत उपभोक्ताओं को प्रताड़ित करने का जो खेल स्मार्ट मीटर के नाम पे खेला जा रहा है उसे नवीन सरकार गठन होने तक का जाय तथा विद्युत विभाग के अधिकारी अपने दायरे में रह कर ही कार्य करे अन्यथा जनता भी उन्ही की तरह व्यवहार बर्ताव किया तो गलत हो जायेगा ।

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