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सहारा के पास 25000 करोड़ होने के बाद बावजूद लोगों का पैसा क्यों नहीं लौटा पा रही, ये फंसा हैं पेंच

पूरे देशभर में एक बड़ी संख्या में लोगों ने सहारा पर विश्वास करके अपनी मेहनत की कमाई का बड़ा हिस्सा सहारा ग्रुप में निवेश किया था। लोगों ने सहारा में पैसे निवेश करने के बाद सपने में भी यह नहीं सोचा था ब्याज तो दूर उन्हें अपनी मूलभूत रकम के लिए भी काफी परेशान होना पड़ेगा। यहीं कारण है कि आज देशभर में लोग सहारा प्रमुख सुब्रत राय के नाम पर सिर्फ आंसू बहा रहे हैं। इन सबके बाद यह समझना जरूरी है कि आखिर वह क्या वजह है कि सहारा लोगों को पैसा नहीं लौटा पा रही है।

सहारा में पैसे लगाने वाले लोगों ने अभी तक उनकी मेहनत की कमाई नहीं मिल पा रही है। सेबी की तमाम बड़ी कार्रवाई के बावजूद अभी तक लोगों का पैसा फंसा हुआ है। कई ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने बेहद आवश्यक पलों के लिए सहारा पर पैसे निवेश कर रखे हैं। करोड़ों लोगों ने सहारा ग्रुप की कई कंपनियों में पैसा लगाया था।

मौजूदा वक्त में हालात यह है कि लोगों को अपना जमा मूलधन तक नहीं मिल पा रहा है। निवेशक अपने पैसों को वापस पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने के लिए मजबूर हैं।

लोगों ने जब सहारा ग्रुप्स की कंपनियों में निवेश किया था तो इसकी प्रमुख वजह सहारा के लुभावने प्लान्स थे। ये प्लान अन्य कंपनियों के मुकाबले न केवल ज्यादा रिटर्न देते थे साथ ही साथ काफी फ्लेक्सिबल भी थे। एफडी में तो सलाना 11 से 12 फीसदी तक के रिटर्न देने के वादे थे। सहारा की इन योजनाओं में लोगों को काफी समय तक पैसा भी मिलता रहा। यही कारण है कि लोगों में सहारा की कंपनियों के प्रति विश्वास बढ़ता गया। हालांकि बाद में जब लोगों ने बड़ी संख्या में इसमें पैसा लगाया तो न रिटर्न मिला और न ही उनका पैसा। सहारा कंपनियों की स्कीम्स में निवेश करने वाले आज काफी ज्यादा परेशान हैं। निवेशकों को उनके पैसे आखिर क्यों नहीं मिल रहे हैं जबकि अब इसमें सेबी तक इनवाल्ब है। आखिर वो कौन से पेंच फंस रहे हैं जिनसे निवेशकों को उनका पैसा नहीं मिल पा रहा है।

गौरतलब है कि सहारा की कंपनियों और विभिन्न योजनाओं में देशभर में बड़ी संख्या में लोगों ने निवेश कर रखा है। इसको लेकर सेबी ने सहारा को लोगों के पैसे 15 प्रतिशत ब्याज के साथ लौटने के आदेश जारी किए थे। इसी मामले में बाद में सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत राय को 24,400 करोड़ रुपये निवेशकों को लौटाने के लिए कहा था। इस दौरान सहारा ने न तो निवेशकों के पैसे वापस करने के सबूत दे पाया और न ही यह बता पाया कि आखिर उसके पास इतना पैसा आया कहां से । सहारा के इस रूख पर सुप्रीम कोर्ट ने सहारा के बैंक कातों और उनकी संपत्ति को सील कर दिया। यही से सहारा की कंपनियों का समय खराब हो गया।

सहारा के भरोसे पर उसकी कंपनियों में अपनी मेहनत की कमाई के लिए लोग चक्कर काट रहे हैं। जिन एजेंटों के सहारे उन्होंने रुपये जमा कर रखे थे उनका अब कोई रता पता नहीं है। तो वहीं निवेशकों तक को नहीं पता है कि उनके द्वारा जमा कराए गए पैसे आखिर कब तक उन्हें वापस होंगे।

मीडिया में जारी जानकारी की माने तो कुछ दिनों पहले सहारा की तरफ से एक विज्ञापन जारी किया गया था। जिसमें सहारा ने कहा कहा था कि हमसे दौड़ने के लिए तो कहा जाता है, लेकिन हमें बेड़ियों में जकड़ रखा गया है। सेबी हमारे यहां जमा करने वाले निवेशकों को आखिर भुगतान क्यों नहीं कर रहा। जबकि सेबी के पास हमारे 25,000 करोड़ रुपए जमा हैं। इस मुद्दे को लेकर सेबी द्वारा जारी किए गए बयान में बताया गया कि दस्तावेजों और रिकॉर्ड में निवेशकों का डेटा ट्रेस नहीं हो पा रहा, यही कारण है कि निवेशकों को उनका वो पैसा नहीं दे पा रही है।

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