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Shivraj Singh Chauhan: ‘मांगने जाने से बेहतर मैं मरना पसंद करूंगा; इसलिए दिल्ली नहीं गया’

फूट-फूट कर रोईं बहनें, भावुक हुए शिवराज सिंह

Vindhya Bhaskar Dax News। निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को सीएम हाउस में प्रेस वार्ता के दौरान सवाल के जवाब में कहा कि अपने लिए कुछ मांगने से बेहतर मैं मरना पसंद करूंगा। दरअसल विधानसभा चुनाव में बंपर जीत के बाद प्रदेश के तमाम दिग्गज नेता दिल्ली में डेरा जमाए हुए थे।

जाहिर है सबकी नजर सीएम की कुर्सी पर थी, दूसरी तरफ शिवराज सिंह चौहान एमपी में ही सक्रिय थे। इसी संदर्भ में जवाब देते हुए उन्होंने ये बात कही। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने ही उन्हें 18 साल मुख्यमंत्री बनाए रखा, पार्टी ने सबकुछ दिया। अब वक्त आ गया हैं कि वें पार्टी को दें।

चौहान ने आगे कहा कि उन्हें पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार तेजी से चल रहे कामों को पूरा करेगी। उनको सहयोग करता रहूंगा। विदाई लेते हुए मन में एक संतोष का भाव है।

लाखों कार्यकर्ताओं के परिश्रम, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आशीर्वाद तथा लोकप्रियता और केंद्र व राज्य की कल्याणकारी योजनाओं के कारण, जिसमें लाडली बहना योजना का योगदान महत्वपूर्ण रहा, यह सरकार बनी है।

फूट-फूट कर रोईं बहनें, भावुक हुए शिवराज सिंह
मंगलवार को महिलाएं भी शिवराज सिंह चौहान से मिलने सीएम हाउस पहुंची थी। चौहान से मिलकर महिलाएं फूट-फूटकर रोई । उन्होंने कहा कि वें उन्हें कहीं नहीं जाने देंगी। इसके जवाब में शिवराज सिंह ने कहा कि वें कहीं जा भी नहीं रहे हैं।

प्रेस वार्ता में शिवराज ने कहा कि महिला सशक्तिकरण मेरे लिए वोट प्राप्त करने का जरिया नहीं है, यह मेरी अंतरआत्मा से निकला हुआ है, क्योंकि बचपन से मैंने बेटियों-बहनों की अपने गांव में दुर्दशा देखी है।

बेटियां कोख में मारी जाती थीं, तब लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजना ने जन्म लिया। कन्या विवाह, सरकारी नौकरियों में 33 प्रतिशत आरक्षण, संपत्ति खरीदने स्टांप शुल्क में छूट, लाइली बहना, संबल जैसी योजना बनाकर बहनों और बेटियों की जिंदगी में हम खुशी के पल ला पाए।

अगले मुख्यमंत्री मोहन यादव से की ये मांग
उन्होंने अगले सीएम मोहन यादव जी से एक आग्रह किया है कि मुझे प्रतिदिन पौधरोपण करने दें और उसके लिए मुझे जगह मिलती रहे। उन्होंने कहा कि पर्यावरण एक ऐसा विषय है जो कहने के लिए नहीं बल्कि करने के लिए है। इसलिए उन्होंने नए सीएम से पेड़ लगाने के लिए सरकारी जमीन देने और पौधारोपण करते रहने देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि हम पर्यावरण के लिए जागरूकता जारी रखेंगे।

भटसूअर से मेट्रो तक का सफर
चौहान ने कहा कि भटसूअर (टेम्पो) से लेकर हमारा सफर शुरू हुआ था। मेट्रो तक हमारा सफर चल रहा है। टपरे में चलने वाली आईटीआई को ग्लोबल स्किल पार्क तक पहुंचाया। गड्ढ़े भरी सड़कों से लेकर हाईवे तक का सफर पूरा किया। उन्होंने कहा कि टूरिज्म हो या सांस्कृतिक पुनरुत्थान का एक नया दौर प्रारंभ करना हो, महाकाल लोक से लेकर एकात्म धाम और देवी लोक जैसे केंद्र स्थापित हुए। वह सारे काम मेरे मन को संतोष देते हैं।

शाम को शपथ ग्रहण की तैयारी देखने पहुंचे
देर शाम वें लाल परेड मैदान भी पहुंचे। जहां उन्होंने भावी सीएम डॉ. मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री होने के नाते तैयारियों का जायजा लेना उनका कर्तव्य है।

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