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Chhatrapati Shivaji Maharaj Mumbai Special: रीवा से चलने वाली यह ट्रेन 28 दिसम्बर से बंद हो जाएगी

किडनी, कैंसर का इलाज कराने जाते थे काफी संख्या में लोग

दस फेरे के लिए बतौर प्रयोग रीवा से शुरू की गई छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस साप्ताहिक सुपरफास्ट समर स्पेशल ट्रेन साल के आखिर में बंद होने जा रही है। दुर्भाग्य इस बात का है कि इस ट्रेन से पांच माननीय सीधे तौर पर जुड़े हुए थे। इसके बाद भी जीने लायक पर्याप्त राजस्व अर्जित कर रही इस ट्रेन को ट्रैक से बाहर कर दिया जा रहा है। इस ट्रेन से लोग माया नगरी न केवल घूमने बल्कि उपचार, शिक्षा तथा व्यापार के लिए काफी संख्या में समूचे विंध्य एवं महाकौशल से आते-जाते रहे हैं। यहां गौर करने वाला तथ्य यह है कि पूरे मध्यप्रदेश से यह इकलौती ऐसी ट्रेन थी जो सीधे मुंबई जाती है।

Chhatrapati Shivaji Maharaj Mumbai Special:  रीवा। 25 से ज्यादा विधायक तथा 5 संसद सदस्य के अलावा हजारों रेल यात्री बीते कई सालों से रीवा से होकर बंबई के लिए एक सीधी ट्रेन की मांग कर रहे थे। समय बदला और बंबई मुंबई के रूप में तब्दील हो गई लेकिन विंध्यवासियों की हसरत पूरी नहीं हो पाई थी।

इसी बीच कोई दस साल पहले पमरे मुख्यालय में पदस्थ एक डीआरएम ने बढ़ती मांग को देखते हुए रीवा-सतना के स्टेशन में इस बात की पड़ताल कराई कि विंध्य क्षेत्र से मुंबई के लिए कितने रिजर्वेशन एक माह में होते हैं। सीधे न चलकर सतना से होकर गुजरने वाली मुंबई ट्रेन से पर्याप्त संख्या में रिजर्वेशन के बाद उनके द्वारा एक पहल रेलवे बोर्ड में की गई और उठती मांग के बीच आखिरकार 2022 का अप्रैल महीना आया जब रेलवे बोर्ड ने पहले 11 और बाद में 10 फेरे के लिए रीवा-छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस- रीवा साप्ताहिक सुपरफास्ट समर स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया। रेल प्रशासन द्वारा यात्रियों की सुविधा के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस ट्रेन को 28 अप्रैल 2022 से सप्ताह में एक दिन चलाने के लिए स्टेशन में आयोजित कार्यक्रम के माध्यम से हरी झंडी दिखाई गई। जिसके अंतिम फेरे की तारीख 30 जून तय की गई थी।

पर्याप्त इक्यूपेसी होने की वजह से ट्रेन को पहली बार एक्सटेंशन भी मिल गया जिससे समूचे विंध्य के ऐसे लोग जिनका मुंबई से काफी काम पड़ता था, उन्होंने कुछ महीने के लिए राहत की सांस ली। यह सिलसिला तीन महीने पहले तक चलता रहा और अब रेलवे ने एक्सटेंशन देने से इंकार कर दिया है। ऐसे में गाड़ी संख्या 02187 रीवा-छत्रपति शिवाजी टर्मिनस 28 दिसम्बर को रीवा से अपना आखिरी फेरा लगाएगी। जबकि गाड़ी संख्या 02188 जो कि 29 दिसम्बर को मुंबई से रीवा के लिए अंतिम फेरा लेगी।

किडनी, कैंसर का इलाज कराने जाते थे काफी संख्या में लोग
मुंबई में टाटा मेमोरियल अस्पताल कैंसर इलाज के लिए विश्वसनीय एवं सस्ता है। यही वजह है कि न केवल रीवा बल्कि सीधी, सिंगरौली, शहडोल, सतना, मैहर, कटनी यहां तक कि जबलपुर के लोग भी गाड़ी संख्या 02187 से मुंबई जाते थे। इतना ही नहीं इस ट्रेन में उन लोगों की भी संख्या पर्याप्त रहती थी जिन्हें यकृत यानी किडनी व लीवर की समस्या रहती थी। कुल मिलाकर यह कि इस ट्रेन से काफी संख्या में बीमार लोग उपचार व स्वस्थ होने की उम्मीद पालकर जाया व आया करते थे। अब इस इकलौती ट्रेन के बंद हो जाने से उनके उपचार में परिवहन एक बड़ा संकट बन जाएगा।

मध्यप्रदेश से मात्र पांच सीधी ट्रेन
यहां गौर करने वाली बात यह है कि समूचे मध्यप्रदेश से केवल पांच ट्रेन चल रही हैं जो मुंबई को मध्यप्रदेश से जोड़ती हैं। जिसमें जानकारी के अनुसार इंदौर, ग्वालियर, जबलपुर, भोपाल एवं रीवा शामिल है। बताया जाता है कि रीवा को छोड़कर सभी स्टेशन की ट्रेन बांद्रा में खड़ी होती हैं जबकि रीवा से चलने वाली ट्रेन छत्रपति शिवाजी टर्मिनस में समाप्त होती थी।

पांच माननीय भी नहीं बढ़वा सके ट्रेन का फेरा
रीवा से मुंबई चलने वाली इस ट्रेन से सीधे तौर पर रीवा के अलावा सीधी, सतना, कटनी व जबलपुर के संसद सदस्य जुड़े हुए हैं। अक्सर ये सभी माननीय इसी ट्रेन से यात्रा भी करते रहे हैं। ट्रेन के संचालन पर ब्रेक लग रहा है लेकिन माननीयों ने समय रहते इसे विस्तार दिलाने के लिए कोई पहल नहीं की। जिसका सीधा खामियाजा रेल यात्रियों को भुगतना पड़ेगा।

हम आपको बता दें कि विंध्य क्षेत्र से मुंबई में ऐसे लोगों की संख्या काफी है जो वहां रहकर छोटा-मोटा कारोबार, फैक्ट्रियों में नौकरी आदि करते हैं। जिनके लिए यह ट्रेन अपनों तक पहुंचने का सीधा व सरल माध्यम बनी हुई थी। दुर्भाग्य की बात तो यह है कि लगभग 20 माह तक सप्ताह में एक बार चलने वाली यह ट्रेन अब तक में अपने फेरा का शतक लगा चुकी है। बावजूद इसके किसी भी माननीय ने समय रहते एक्सटेंशन के लिए पहल नहीं की।

बेहतर राजस्व फिर भी बंद
गाड़ी संख्या 02187-02188 के शुरुआत से लेकर अंतिम फेरे के बीच अक्सर वेटिंग की स्थिति रही आई। जिससे साफ है कि ट्रेन की राजस्व क्षमता पर्याप्त थी। बावजूद इसके इसे बंद करने का फैसला दुःखद है।

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