मध्य प्रदेशरीवा

Rewa News: बहुती परियोजना; 11 साल से सिंचाई के इंतजार में किसान

3 साल में पूरा होना था काम; अब 14 साल में पूरी होने की संभावना

रीवा: बताया गया है कि बहुती नहर सिंचाई परियोजना का निर्माण वर्ष 2012 में शुरू हुआ था। जिसे तीन साल में पूरा होना था। लेकिन निर्माण एजेंसी ने बीच में काम छोड़ दिया और अपनी सारी मशीनरी और स्टाफ को वापस बुला लिया। तब से यह परियोजना उसी हालत में पड़ी है। एजेंसी ने जब इस परियोजना का काम छोड़ा था, तब इसमें 45 प्रतिशत काम ही हो पाया था।

बहुती नहर परियोजना तीन साल में में तैयार होनी थी। लेकिन यह परियोजना 11 साल में भी पूरी नहीं हो पाई। परियोजना के अब तीन साल में पूरे होने की संभावना मानी जा रही है। पूर्व की एजेंसी द्वारा काम छोड़े जाने के बाद इस परियोजना पर ग्रहण लग गया। इस सिंचाई परियोजना के बैलेंस वर्क का काम शुरू करने कभी बजट का संकट आया तो कभी केबिनेट में इसे मंजूरी नहीं मिली। किसान पिछले आठ वर्षों से बहुती नहर से सिंचाई के लिए पानी की प्रतीक्षा कर रहे हैं।

222 करोड़ बढ़ गई परियोजना की लागत
इस सिंचाई परियोजना का निर्माण पूर्व में 428 करोड में होना था। जिस समय पूर्व की एजेंसी ने काम छोड़ा, उस समय तक 328 करोड़ का काम हो चुका था। मसलन सिर्फ 100 करोड़ और खर्च करने पर यह परियोजना पूरी हो जाती। अब बैलेंस वर्क के लिए जो टेण्डर लगाया गया है, वह 352 करोड़ का है। हालांकि नई एजेंसी ने यह बैलेंस वर्क का काम बिलो रेट पर 325 करोड़ में लिया है। कुल मिलाकर इसे पूरी करने में अभी 325 करोड़ और खर्च होंगे। इस तरह इस परियोजना की लागत बढ़ कर 650 करोड़ की हो जाएगी। इस संबंध में जल संसाधन विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि आरसीसी चैनल और मटेरियल कास्ट बढ़ने की वजह से लागत बढ़ी है।

55 प्रतिशत काम बाकी
बहुती नहर के बैलेंस वर्क का काम 6 साल बाद शुरू हुआ है। बैलेंस वर्क के काम के लिए एजेंसी को तीन साल का समय दिया गया है। एजेंसी को अब इस नहर परियोजना में शेष बचा 55 प्रतिशत काम पूरा करना है। बताया गया है कि 6 साल तक इस परियोजना में में एक ईट भी नहीं रखी गई। एजेंसी यदि तीन साल में इस नहर परियोजना को पूरा कर लेती है तो 14 साल में यह परियोजना पूरी हो पाएगी।

14 किमी लंबी बनेगी आरसीसी चैनल
पहाड़ी पर पानी के रिसाव को रोकने के लिए 14 किमी लंबी आरसीसी चैनल का निर्माण किया जाएगा। पूर्व में यहां 14 किमी में लाइनिंग करने की कार्ययोजना तैयार की गई थी। लेकिन भोपाल से आए अधिकारियों ने कहा कि लाइनिंग से पानी के रिसाव को रोक पाना मुश्किल होगा। यहां आरसीसी चैनल का निर्माण कराया जाए।

65 हजार हेक्टेयर में होनी है सिंचाई
बता दें कि इस नहर परियोजना से 65 हजार हेक्टेयर में सिंचाई का पानी पहुंचाया जाएगा। इससे साढ़े छह सौ गांवों को फायदा पहुंचेगा। इस परियोजना में मुख्य नहर के अलावा, वितरिका, माइनर और सब माइनर नहरों का निर्माण भी कराया जाएगा। किंतु जिस तरह से दोबारा 6 साल बाद काम शुरू किया गया और अभी भी 55 फीसदी काम बकाया है उससे माना जा रहा है कि अभी भी पांच वर्ष से अधिक का समय परियोजना पूरी होने में लग जाएगा। हालांकि कंपनी द्वारा एक बार फिर से काम की गति में तेजी लाई गई है।

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