Rewa News: भोलगढ़, बैजनाथ, बनकुइयां, सकरवट और बेला सें संचालित क्रशर प्लांटों में एनजीटी से गठित टीम का छापा
खदान में नहीं हुआ खनन; फिर चलते मिले प्लांट व गिट्टी का भंडारण, बिजली बिल की जांच में उलझे क्रशर संचालक
रीवा। जिले में संचालित क्रशर प्लांटों के अवैध उत्खनन को लेकर समाज सेवी बीके माला के द्वारा दायर याचिका में हरित अभिकरण ने कलेक्टर को टीम गठित कर जांच करने का आदेश दिया है। इस पर कलेक्टर ने पंाच सदस्यीय टीम गठित की है। इस टीम ने मंगलवार को भोलगढ़, बैजनाथ, बनकुइयां, सकरवट और बेला सें संचालित क्रशर प्लांटों का निरीक्षण किया है।
निरीक्षण के दौरान प्लांटों संचालित मिले है साथ ही गिट्टी का भंडारण मिला । हैरान करने वाली बात यह है कि जो क्रशन प्लांट संचालित मिले उनकी आवंटित पांच हेक्टेयर खदान में आज तक लाइम स्टोन पत्थर का उत्खान नहीं हुआ है। बावजूद क्रशर प्लांट संचालित मिले। ऐसे में टीम के सदस्यों ने अब क्रशर प्लांट के संचालकों से बिजली का बिल और गिट्टी भंडारण का स्त्रोत मांगा है। इससे अब क्रशस संचालक सकते में आ गए है।
बताया जा रहा है कि जिले में व्यापक स्तर में खनिज का अवैध उत्खनन राजनेताओं व जिला प्रशासन की गठजोड़ से हो रहा है। स्थिति है कि क्रशन प्लांटों की खदाने की आई बंद होने के बावजूद भी यह नियमित क्रशन प्लांट चल रहे है। यहां तक इन प्लांटों को आवंटित पांच हेक्टेयर की खदानों में उत्खनन नहीं हो रहा है बावजूद गिट्टी धड़ल्ले से बन रही है। इसी लेकर समाजसेवी ने हरित अभिकरण में मामला दायर किया था। इस पर एनजीटी ने संभागायुक्त को कलेक्टर को टीम गठित करने का निर्देश दिया है।
इस पर संभागायुक्त ने कलेक्टर ने एक संयुक्त टीम बनाकर जांच के आदेश दिए है। इस पर कलेक्टर ने संयुक्त संचालक खनिज, जिला, खनिज अधिकारी, जिला प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, अनुविभागीय अधिकारी एवं याचिकाकर्ता की संयुक्त टीम बनाई । इस टीम ने पांच गांवों की लगभग ३० से अधिक खदानों का निरीक्षण किया है। इस टीम के पहुंचते ही क्रशर संचालकों में हड़कंम मच गया।
तीन दिन में मांगे भंडारण के रिकार्ड
बताया जा रहा है क्रशन प्लांट के लिए आवंटित खदान बंद होने के बावजूद प्लांट संचालित होने और गिट्टी का भंडारण पाए जाने पर टीम ने क्रशर संचालकों ने गिट्टी का स्त्रोत और बिजली बिल मांगा है। जिससे की पता लगाया जा सके कि इतना अधिक गिट्टी का उत्पादन कर विक्रय किया गया है। यह सभी रिकार्ड प्रस्तुत करने के लिए तीन दिन का समय दिया है। इसके बाद संयुक्त टीम अपना जांच प्रतिवेदन एनजीटी को सौंपेगी।
लंबे समय चल रहा है खेल
बताया जा रहा है क्र शर संचालक नियमों विरूद्ध तरीके से अवैध खनिज का उत्खनन कर गिट्टी बनाकर बेचते थे। वहीं खदान बंद होने के कारण उत्पादन होना नहीं बताते थे। इससे सरकार को खनिज से मिलने वाली रायल्टी नहीं मिल पाती थी। वहीं शासन के मापदंडों का पालन भी नहीं किया जा रहा था।