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मध्य प्रदेश सरकार दलहन को लेकर बना रही विशेष योजना, व्यापारियों के साथ आमजन को भी होगा लाभ

मध्य प्रदेश सरकार दलहन को लेकर एक विशेष योजना पर काम कर रही है। इस योजना के लागू होने पर इसका सीधा लाभ आमजन के साथ ही व्यापारियों को होगा। क्योंकि इस योजना के तहत सरकार व्यापारियों को मंडी शुल्क में छूट देने जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से हाल ही में ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की थी और इस संबंध में उनके सामने मांग रखी गई थी। जिसमें सीएम ने प्रतिनिधिमंडल को आश्वासन दिया है। ऑल इंडिया दाल मिल एसोसिएशन ने सीएम से मुलाकात के दौरान कहा की उन्हें मंडी शुल्क से छूट दी जाए। बता दें कि इन दिनों 1.70 प्रतिशत मंडी शुल्क लग रहा है। एसोसिएशन ने मांग की थी कि इसे घटाकर 0.50 फीसदी कर दिया जाए। जिस पर सीएम शिवराज सिंह द्वारा उनकी मांगों पर ध्यान देने का आश्वासन दिया है।

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इस वजह से मंडी शुल्क कम करने की कर रहे मांग
मध्य प्रदेश के दाल मिलर्स चाहते हैं कि उन पर लगने वाले टैक्स को कम कर दिया जाए। दरअसल मध्य प्रदेश में दाल का उत्पादन कम होने के करण यहां के के दाल मिलर्स को बाहर से दाल खरीदकर लानी पड़ती है और फिर उसे वह आपने मिल में लाकर तैयार करते हैं। एसोसिएशन का कहना है कि प्रदेश में दाल उत्पादन काफी कम है। राज्य में दाल की डिमांड पूरी करने के लिए मिलर्स को बाहर से खड़ी दाल खरीदकर लानी पड़ती है, इस लिए इसमें लगने वाला मंडी शुल्क कम कर दिया जाए।

वर्तमान में लगने वाला मंडी शुल्क
बताया गया है कि मध्य प्रदेश में प्रति टन करीबन 10 लाख रुपए की दाल पर मंडी शुल्क 1.70 फीसदी लगता है। ऐसे में व्यापारी को करीब 17 हजार रुपए देने पड़ते हैं। जबकि तुलनात्मक रूप से देखा जाए तो गुजरात में इस स्थिति में मात्र 0.80 प्रतिशत मंडी शुल्क लगता है। इस हिसाब से कुल मंडी शुल्क 8000 रुपए लगेगा। यदि व्यापारियों की मांग पूरी हो जाती है और 0.50 प्रतिशत मंडी टैक्स कर दिया जाता है तो व्यापारियों को 17 हजार रुपए की जगह है सिर्फ 5 हजार टैक्स के रूप में देना होगा।

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आम लोगों को भी होगा लाभ
दाल मिल एसोसिएशन के मुताबिक बाहर से दाल खरीद कर लाने के और फिर मंडी शुल्क के कारण दाल की कीमत बढ़ जाती है। बढ़ी हुई कीमत के चलते खरीदी भी प्रभावित हो रही है। महंगी दाल खरीदने से लोग कतराते हैं। यदि मंडी शुल्क कम हो जाता है तो दाल की बिक्री बढ़ेगी साथ ही इसका सीधा लाभ आम लोगों को होगा। क्योंकि मंडी शुल्क कम होने से दाल की कीमत भी घटगे और उपभोक्ताओं की जेब पर कम भार पड़ेगा।

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