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Madhya Pradesh: BJP के पूर्व विधायक के पत्र में छलका दर्द… ”निरीह प्रजा की उपेक्षा करने वाले का विनाश सुनिश्चित ,महाकाल नहीं करते रक्षा”

Madhya Pradesh: रीवा के त्योंथर के पूर्व भाजपा विधायक श्यामलाल द्विवेदी के एक पत्र ने सियासी पारा चढ़ा दिया है। पत्र में लिखा है कि जो राजा निरीह प्रजा की उपेक्षा करने वाले की महाकाल भी रक्षा नहीं कर सकते हैं। इसके लिए उन्होंने सनातनी धर्म ग्रंथो का उदाहरण पेश किया है।
  • पत्र के वायरल होने के बाद गरमाई राजनीति
  • भाजपा के कई नेताओं में बनी हुई है आक्रोश की स्थिति
  • पूर्व विधायक की पोस्ट से मची खलबली
  • त्यौंथर के पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने 7 लाइन की चिट्टी डाली सोशल मीडिया में
  • समस्याओं के निराकरण न होने और सम्मान न मिलने से हो रहे काफी व्यथित
पूर्व विधायक के इस पत्रों को वर्तमान विधायक सिद्धार्थ तिवारी से जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि उन्होंने कहा कि उनके मन में जो दर्द था। उसको उन्होंने बया कर दिया है इसे राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए है। इसे लेकर लोग क्या सोचते है यह उनकी सोच पर है।
प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार भले ही बेहतर रूप से संचालित होने का दावा कर रही हो लेकिन रीवा के भाजपा नेताओं के मन में कहीं न कहीं आक्रोश की स्थिति दिख रही है। खुलकर तो कोई नहीं बोल पा रहा लेकिन मन के उदार कहीं न कहीं निकल ही जाते हैं। त्योंथर के पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी द्वारा सोशल मीडिया में आज रविवार को जो एक सात लाइन को चिट्ठी पोस्ट की गई है, उससे यह लगता है कि कहीं न कहीं सरकार से या अपने प्रतिनिधियों से वह दुखी भी है।
पूर्व विधायक ने जो पत्र लिखा है उसमें उन्होंने लिखा है कि भारत के धर्म गं्रथ प्रमाण है  कि राजा  प्रजा के पिता के समान होता है और राजा से बढ़कर  प्रजा का और कोई सेवक नहीं  होता।  किंतु जो राजा  प्रजा की समस्याओं को सुनने की उपेक्षा  करता है निरीह प्रजा का  श्राप भी लगता है जिससे उसका विनाश सुचिश्चत है उसकी रक्षा  स्वंय महाकाल  भी नहीं करते है।
इस पत्र को वर्तमान विधायक से लेकर लोग जोड़ रहा है। माना जा रहा है कि वर्तमान विधायक सिद्धार्थ तिवारी इस समय त्योंथर के राजा की भूमिका पर है लेकिन वह प्रजा की उपेक्षा कर रहे है और आमजन की समस्यओं को लेकर गंभीर नहीं है।  वहीं महाकाल से  आशय मुख्यमंत्री  से जोड़कर देख रहे हैं। दरअसल कुछ दिनों पूर्व त्योंथर विधायक सिद्धार्थ तिवारी के मुख्यमंत्री को पुष्प गुच्छ देकर भेटवार्ता की तस्वीरे सामने आई थी।
श्यामलाल द्विवेदी रविवार की शाम सोशल मीडिया में एक पत्र देखते ही भारतीय जनता पार्टी संगठन में भूचाल की स्थिति बन गई है। अपनी बातों को हमेशा मुखरता के साथ एवं बिना लाग लपेट के जनता और सरकार के बीच रखने वाले पूर्व विधायक श्यामलाल द्विवेदी ने इस 7 लाइन के पत्र में लिखा है कि भारत के धर्म ग्रंथ प्रमाण है कि राजा प्रजा के पिता के समान होता है और राजा से बढ़कर प्रजा का कोई सेवक नहीं होता है। किंतु जो राजा प्रजा की समस्याओं को सुनने में उपेक्षा करता है तो फिर निरीह प्रजा का बाप भी लगता है। जिससे उसका विनाश सुनिश्चित है। उसकी रक्षा स्वयं महाकाल भी नहीं करता है।
इसके पहले वह अक्सर तस्वीरे उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला के साथ दिखाई देते थे,लेकिन इन दिनों कुछ दूरी होने से सियासत गरमा गई है। दरअसल विधान सभा चुनाव के वह अपने आप को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं वहीं क्षेत्रीय जनता उनके पास काम के लिए पहुंचती है जिसका वह निदान नहीं करवा पा रहे हैं वहीं विधायक भी चुनाव के बाद क्षेत्र में पूर्ण रूप से सक्रिय नजर नहीं आ गए हैं यही कारण है कि उनका यह दर्द छलक है बता बता दे की विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी टिकट काटकर कांग्रेस से भाजपा में आए सिद्धार्थ तिवारी को टिकट दी गई थी ।इस दौरान उन्हें  उचित पद देने का आश्वासन दिया गया था जो की अभी पूर्ण होता नहीं दिख रहा है। यही कारण है कि विधायक क्षेत्र की जनता को लेकर अपना दर्द बया किया है।
आहत तो कई, लेकिन नहीं निकल पा रहे अपने गुबार
विंध्य की भाजपा राजनीति में लगभग दो दर्जन से ज्यादा सीनियर लीडर प्रदेश संगठन और सत्ताधारी नेताओं की एक तरफा कार्य प्रणाली के चलते मन ही मन काफी आहत है। लेकिन भाजपा की शैली के चलते वह बोल नहीं पा रहे हैं। ऐसी स्थिति केवल रीवा जिले में ही नहीं बल्कि सतना और सीधी में भी देखने को मिल रही है। उधर सत्ता और संगठन दोनों ऐसे नेताओं को तरजीह नहीं दे रहा है। दबी जुबान कई नेताओं ने कहा कि स्थितियां उलटती जा रही है। मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी पर्याप्त बहुमत के साथ सरकार में है लेकिन अगर यही स्थिति रही तो आने वाले दिनों में परिस्थितिया बदलते देर नहीं लगेगी।

Surendra Tiwari

I am Surendra Tiwari, Editor of the Vindhya Bhaskar. I am writing on Automobile and Tech Content from Last 5 years.

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