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सख्त टिप्पणीः बैंक के वसूली एजेंट गुंडों का समूह : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऑफ इंडिया की रिकवरी एजेंट फर्म को गुंडों का समूह’ बताते हुए कहा है कि उसने लोन की राशि के एकमुश्त निपटान के बावजूद याचिकाकर्ता से जब्त वाहन वापस नहीं किया। इस मामले में शीर्ष न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पुलिस को दो माह में कंपनी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कोलकाता में बस चलाने के लिए 15.15 लाख रुपए का लोन लेने वाले देबाशीष बोसु रॉय चौधरी को मुआवजादेने के भीनिर्देश दिए। इसके साथ ही पीठ ने बैंक ऑफ इंडिया को रिकवरी एजेंट से राशि वसूलने के निर्देश दिए। पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता रिकवरी एजेंट फर्म या वाहनको हुए नुकसान के लिए जिम्मेदार किसी अन्य व्यक्ति से क्षतिपूर्ति राशि वसूलने का हकदार होगा।

क्या था मामला
याचिकाकर्ता से लोन की किस्त में चूक के बाद बैंक ने रिकवरी फर्म की सेवाएं लीं। फर्म ने वाहन जब्त कर लिया। बाद में बैंक और याचिकाकर्ता में समझौता हो गया और 1.80 लाख रुपए जमा करा दिए। इसके बाद भी वाहन नहीं लौटाया गया। बहुत प्रयासों के बाद वाहन बरामद हुआ तो उसका चेसिस और इंजन नंबर बदल दिया। स्पेयर पार्ट्स भी हटा दिए गए थे।

Surendra Tiwari

I am Surendra Tiwari, Editor of the Vindhya Bhaskar. I am writing on Automobile and Tech Content from Last 5 years.

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