हादसे में महिला की मौत के बाद 7 घंटे ठप रहा आवागमन, आक्रोशित परिजनों ने रोका रास्ता, जानिए पूरी घटना
हादसा मध्यप्रदेश के रीवा जिले के चोरहटा थाना अंतर्गत सांव मोड के पास हुआ। जहां एक तेज रफ्तार चार पहिया वाहन ने महिला को रौंदते हुए निकल गया, जिससे महिला की मौत हो गई। घटना शुक्रवार की सुबह 10.30 बजे के करीब हुई। रीवा की ओर से सेमरिया जा रहा चार पहिया वाहन जैसे ही सांव मोड के पास पहुंचा। उसका चालक ने वाहन से नियंत्रण खो बैठा और पैदल जा रही महिला को रौंदते हुए अनियंत्रित होकर खेत में जाकर पलट गया। जिससे अफरा-तफरी मच गई। हादसा होते ही आसपास के ग्रामीणों ने चालक को पकड़ लिए वह भी बुरी तरह से घायल हो गया था। वहीं परिजनों के साथ मिल कर स्थानीय लोगों में मार्ग में जाम लगा दिया। बता दें कि इस मार्ग में पहले भी हादसे होते रहे हैं।
सात घंटे बंद रहा आवागमन
जाम लगने और भीड़ जमा होने पर कुछ राहगीरों ने डायल 100 और चोरहटा पुलिस को भी सूचना दी। इतने भी चोरहटा पुलिस भी मौके पर पहुंच गई। जाम लगा कर बैठे परिनों को काफी समझाइश दी लेकिन वो नहीं माने। मामला बिगड़ते देख एसडीएम, तहसीलदार और सीएसपी भी मौके पर पहुंचे। तब जाकर कहीं 7 घंटे बाद करीब शाम 5.30 बजे तक आवागमन बहाल हो पाया।
ऐसे हुआ हादसा
बताया गया है कि 40 वर्षीय रिकूं कोल निवासी सांव मुख्य मार्ग से गुजर रही थी। इसी दौरान रीवा की ओर आ रही स्कॉर्पियो क्रमांक एमपी 20 सीएम 0581 के चालक ने उसे कुचल दिया। इसके बाद स्कार्पियो भी पलट गई। हादसा होते ही आसपास के लोग दौड़े, महिला के पास पहुंचे तो देखा कि वह दम तोड़ चुकी है। वहीं चालक बुरी तरह से जख्मी होकर वाहन में फंसा था। फिर भी आक्रोशित लोगों ने चालक को वाहन से निकालकर जमकर धुनाई की है।
जाम खुलवाने पहुंची तीन थानों की पुलिस
हादसे में महिला की मौत से बौखलाए ग्रामीणों ने मुख्य मार्ग में लाश रखकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। जिसकी खबर पाते ही सबसे पहले चोरहटा थाना प्रभारी निरीक्षक अवनीश पाण्डेय भारी पुलिस बस के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। जिन्होंने मामला बिगड़ते देख पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी। इसके बाद जाम खुलवाने सीएसपी शिवाली चतुर्वेदी, सिविल लाइन थाना प्रभारी निरीक्षक हितेन्द्रनाथ शर्मा और विश्वविद्यालय थाना प्रभारी निरीक्षक विद्यावारिध तिवारी के साथ मौके पर पहुंची।
50 लाख रुपए और कलेक्टर को बुलाने की मांग
प्रदर्शन को लेकर बताया जा रहा है कि सैकड़ों ग्रामीण रीवा-सेमरिया बाया बीणा मार्ग से शव उठाने के लिए तैयार नहीं थी। जिससे लंबा जाम लगा हुआ था। प्रदर्शनकारियों मांग कर रहे थे कि मृतका के आश्रितों को 50 लाख रुपए कैश दिया जाए। साथ ही मौके पर कलेक्टर आएं, तभी वो जाम खोलेंगे। घटना स्थल पर लॉ एंड आर्डर की स्थित बनने पर हुजूर तहसील से नायब तहसीलदार ममता पटेल भी पहुंची। ग्रामीणों को घंटों समझाया गया लेकिन वह नहीं माने, थक हारकर कर प्रशासन शाम होने का इं पर नहीं मानें। धक हारकर जिला प्रशासन शाम होने का इंतजार करने लगा।
चाल लाख दिलाने का आश्वासन, 10 हजार दी सहायता राशि
सुबह 10.30 से शुरू हुआ प्रदर्शन शाम 5.30 तक चला। शाम होने के चलते अब भीड़ भी घट गई थी, ऐसे में प्रदर्शनकारियों द्वारा कलेक्टर के आने की डिमांड पर एसडीएम अनुराग तिवारी मौके पहुंचे और उन्होंने संबल योजना के तहत चार लाख रुपए की सहायता दिलाने का आश्वासन दिया है। वहीं 10 हजार रुपए की तत्कालीन सहायता राशि दी है। बता दें कि यह राशि 5 हजार रुपए रेडक्रॉस मद और 5 हजार रुपए एसडीएम ने खुद दिए। हालांकि शाम होने और ठंड के चलते भीड़ भी जा चुकी थी। ऐसे में पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए शव को संजय गांधी अस्पताल में पीएम के लिए भेज दिया। जब जाकर जाम खुला और वाहनों की आवाजाही शुरू हो पाई।
सात घंटे जाम में फंसे रहे लोग, बाइक निकालना तक हुआ मुश्किल
हादसे के चलते दोनों ओर वाहनों की लंबी कतर लगी हुई थी। जाम इतना भीषण था कि बाइक तक नहीं निकल पा रही थी। सड़क के दोनों ओर खेत होने और पानी लगा होने के कारण कीचड़ भी था। ऐसे में खेतों से भी वाहन नहीं निकल पा रहे थे। जिससे जाम में फंसे लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।