The Vibrant Vindhya: रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव; पुष्य नक्षत्र से पहले आज विंध्य पर बरसेगा धन, लेकिन मनमें आशंका…वीडियोकॉन इंडस्ट्री लिमिटेड की तरह अरबो रुपये लेकर भागेगी तो नहीं

The Vibrant Vindhya: विंध्य में आज विकास न का नया सूर्योदय होगा। बघेलखंड के रीवा में बुधवार को पांचवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव होगी। सुबह 9.30 बजे से शुरू होने वाली समिट में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 20 से ज्यादा उद्योगपतियों से वन टू वन संवाद करेंगे और यहां निवेश के लिए प्रोत्साहित करेंगे। सीएम सेक्टरवार होने वाले सत्रों में भी शामिल होंगे। इस कॉन्क्लेव में 4000 हजार से अधिक उद्यमी शामिल होंगे। 50 से अधिक देश के बड़े उद्योगपतियों ने भी शामिल होने की पुष्टि की है। कुछ प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधि रीवा पहुंच भी चुके हैं। 3000 से अधिक प्रतिभागी एमएसएमई सेक्टर के शामिल होंगे।

मुख्यमंत्री आज करेंगे रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का रीवा में शुभारंभ
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव 23 अक्टूबर को एक दिवसीय प्रवास पर रीवा आयेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. यादव 23 अक्टूबर को प्रात: 8.50 बजे भोपाल से वायुयान प्रस्थान कर सुबह 9.40 बजे एयरपोर्ट रीवा पहुंचेगे। मुख्यमंत्री प्रात: 10 बजे श्री कृष्णा राजकपूर आडिटोरियम पहुंचकर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का शुभारंभ करेंगे। 
उद्घाटन समारोह के बाद मुख्यमंत्री विन्ध्य क्षेत्र में निवेश प्रस्तावों के संबंध में उद्योगपतियों से वन टू वन चर्चा करेंगे। कार्यक्रम के समापन के बाद मुख्यमंत्री शाम 6 बजे एयरपोर्ट रीवा से वायुयान से प्रस्थान कर शाम 6.50 बजे एयरपोर्ट भोपाल पहुंचेगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा श्रम मंत्री एवं रीवा जिले के प्रभारी मंत्री श्री प्रहलाद पटेल भी मुख्यमंत्री जी के साथ भोपाल से रीवा आकर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में शामिल होंगे।
  • ऐसे समझें कॉन्क्लेव की भव्यता
    4000 से अधिक रजिस्ट्रेशन
    50 से अधिक प्रमुख निवेशक आएंगे
    2000 करोड़ के 20 कार्यों का भूमिपूजन-लोकार्पण
    3000 एमएसएमइ प्रतिभागी आएंगे
    80 निवेशकों को भूमि आवंटन पत्र वितरण होगा
    20 उद्योगपतियों के साथ वन-टू वन बैठक

रीवा कॉन्क्लेव में ऊर्जा, खनन, कृषि, डेयरी, खाद्य प्रसंस्करण, पर्यटन एवं हस्तशिल्प के साथ ही अन्य कई क्षेत्रों में निवेश की संभावना अधिक है। प्रशासन ने 4500 से 5000 लोगों के बैठने और भोजन की व्यवस्था की है। कृष्णा राजकपूर ऑडिटोरियम में होने वाले कॉन्क्लेव में डॉ मोहन मावीन एवं प्रस्तावित प्रतिष्ठानों की 2000 करोड़ से ज्यादा की 20 से अधिक इकाइयों का वर्चुअल भूमिपूजन व लोकार्पण करेंगे। इसमें 9 इकाइयां रीवा संभाग की हैं। इसमें कई मंत्री भी शामिल होंगे।

विंध्य में बड़ी औद्योगिक संभावनाएं हैं। सीमेंट और पॉवर का पहले से हब हैं। फूड इंडस्ट्री और पर्यटन के क्षेत्र में भी बड़ी उम्माद है कि रीवा का कॉन्क्लेव अच्छे परिणाम देकर ऐतिहासिक साबित होगा। -राजेंद्र शुक्ला, उप मुख्यमंत्री

 

वीडियोकॉन इंडस्ट्री लिमिटेड में रीवा जिले के डभौरा स्थित घूमन में पावर प्लांट लगाने के लिए एमओयू साइन किया था साइन, अरबो रुपये लेकर प्रोजेक्ट और कम्पनी दोनो गायब  
  • किसानों की जमीन ली, नहीं लगा बिजली संयंत्र
    रीवा जिले के डभौरा में पावर प्लांट लगाए जाने के लिए क्षेत्र के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन बिजली संयंत्र लगाने के लिए अभी तक कोई कार्य उक्त जमीनों पर नहीं किया गया। जिले के डभौरा में पावर प्लांट लगाए जाने के लिए क्षेत्र के किसानों की जमीन का अधिग्रहण किया गया था, लेकिन बिजली संयंत्र लगाने के लिए अभी तक कोई कार्य उक्त जमीनों पर नहीं किया गया। अक्टूबर 2010 में खजुराहो में इंवेस्टर्स समिट में वीडियोकॉन इंडस्ट्री लिमिटेड में रीवा जिले के डभौरा स्थित घूमन में पावर प्लांट लगाने के लिए एमओयू साइन किया था और वर्तमान सरकार तथा मुख्यमंत्री, मंत्री के द्वारा उक्त समझौता करवाया गया था। इसके लिए क्षेत्र के किसानों से 25 करोड़ में जमीन की खरीदी भी की गई और उस जमीन के एवज में कंपनी द्वारा अरबों का लोन लेकर स्वयं तो मालामाल हो गई, लेकिन स्थानीय लोगों को अभी तक बिजली संयंत्र की सौगात मिलना तो दूर संयंत्र लगाने के लिए एक पत्थर भी नहीं रखे गए। कंपनी को लाभ पहुंचाने के लिए कागजी खानापूर्ति में लगातार मोहलत बढ़ाई गई और महज लाभ लिया गया और इससे क्षेत्र के लोगों के साथ छलावा हो रहा है।

 

सोलर एनर्जी का मॉडल है रीवा, संभावनाएं और भी
रीवा देशभर में सोलर एनर्जी का प्रमुख मॉडल बनकर उभरा है। बदवार पहाड़ पर 750 मेगावॉट क्षमता का सोलर प्लांट 1579 हेक्टेयर में स्थापित है। इसमें 4500 करोड़ रुपए का निवेश हुआ है। यह प्लांट तीन इकाइयों में विभाजित है और इसकी खासियत यह है कि इसे बंजर, पथरीली भूमि पर बनाया गया है. जिसका अन्य उपयोग नहीं था। रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर लिमिटेड (रम्स) इस प्रोजेक्ट की देखरेख करता है। यह प्रोजेक्ट न केवल सस्ती बिजली (3.30 रुपए प्रति यूनिट) प्रदान करता है, बल्कि दिल्ली मेट्रो को भी बिजली आपूर्ति करता है। इस प्लांट का प्रजेंटेशन भारत सरकार ने इंटरनेशनल सोलर समिट में भी किया था। मध्यप्रदेश सरकार ने रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर (रम्स) लिमिटेड का गठन किया गया है। यह एक संयुक्त वेंचर है। प्रदेश में जहां पर भी सोलर प्लांट लगेंगे, वह रम्स की निगरानी में ही स्थापित किए जाएंगे। इस प्लांट के बारे में अब हार्वर्ड युनिवर्सिटी के छात्र पढ़ाई करेंगे।

यहां निवेश की ज्यादा संभावनाएं…
रीवा संभाग में ऽवीं रीजनल निवेश की असीम संभावनाओं का द्वार खोलने जा रही है। यह क्षेत्र प्राकृतिक संपदाओं से समृद्ध है और विभिन्न उद्योगों के लिए आदर्श स्थल है। खनिज संसाधनों की बात करें तो यहां कोयला, बाक्साइट, लेटराइट, लाइमस्टोन और वाइट क्ले प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। ऊर्जा क्षेत्र में सिंगरौली, सतना और रीवा जिले सोलर और अन्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों के लिए उपयुक्त माने जाते हैं। पर्यटन क्षेत्र में रीवा और सतना के जलप्रपात, परसमनिया का एडवेंचर टूरिज्म और सरभंगा अभयारण्य उल्लेखनीय है। धार्मिक पर्यटन में चित्रकूट और मैहर महत्त्वपूर्ण केंद्र हैं।

6 विभागों का होगा प्रजेंटेशन
कॉन्क्लेव में 6 विभागों की ओर से प्रजेंटेशन दिया जाएगा। इसमें औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग, एमएसएमई, आईटी, खनन, उर्जा और पर्यटन विभाग की ओर से बताया जाएगा कि किस तरह से यहां पर निवेश की संभावनाएं हैं।

फूड और माइनिंग में निवेश की बड़ी संभावनाएं
रीवा सहित पूरे विंध्य में धान-गेहूं, करैला, टमाटर के साथ अन्य खाद्य पदार्थों के उत्पादन में जिस तरह से तेजी आई है उससे माना जा रहा है कि इस क्षेत्र में उद्योग स्थापित होने से उन्हें कच्चे माल की पर्याप्त पूर्ति सहजता से हो सकेगी। प्रदेश के अन्य जिलों की तुलना में रीवा- सतना में अधिक संख्या में राइस मिल हैं। खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में अन्य बड़ी संभावनाएं हैं। रत्न गर्भा की पहचान भी विंध्य की है। यहां पर लाइम स्टोन, बाक्साइड, सिल्कासँड प्रचुर मात्रा में है। कई स्थानों पर हीरा और सोना मिलने की संभावना जताई गई है। ऐसे में फूड और माइनिंग में निवेश की बड़ी संभावनाएं हैं।

रिलायंस, पतंजलि व अन्य कंपनियां करेंगी शिरकत
डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि विंध्य में उद्योगों के लिए 9 हजार का लैंडबैंक बनाया गया है। आइटी, पर्यटन, माइनिंग, कुटीर, कृषि से संबंधित उद्योगों पर फोकस है। प्रमुख रूप से आचार्य बालकृष्ण पतंजलि आयुर्वेद, पुनीत डालमिया (डालमिया भारत समूह), मनीष गुप्ता इसोलेशन ग्रीन एनर्जी प्रा.लि., गिरीराजन, केजेएस सीमेंट, के राजगोपाल रिलायंस पॉवर लिमिटेड, बी साई राम एनसीएल, अतुल मल्होत्रा (मेहरोत्रा बिल्डिकॉन प्रा.लि.), चंद्रवत्ता शुक्ला उत्कर्ष मिल्क प्रोडक्ट चित्रकूट, अरविंद गुगालिया महाकौशल रिफैक्ट्रीज, एमके सिंह एचईडब्ल्यू (जयप्रकाश समूह), पवन कुमार अहलूवालिया केजेएस सीमेंट, नवभारत सिंगरौली, प्रमोद उपाध्याय आईटीसी एबीडी, विनोद बांकर एमजीआईआरआई, ले. कर्नल आशीष अग्रवाल एनआईएफटी, प्रभात कुमार प्राइवेट लिमिटेड, गिरीराजन कार्यकारी निदेशक गोकलदास शामिल होंगे।

चार सत्र में बताएंगे संभावनाएं
कॉन्क्लेव में चार सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसमें अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश की जरूरतें और उसके फायदों के बारे में बताया जाएगा। एमएसएमइ और स्टार्टअप में अवसर, ग्रामीण एवं कुटीर उद्योगों में अवसर, पर्यटन में निवेश, खनन एवं खनिज संसाधनों में अवसर को लेकर अलग-अलग सत्र होंगे। इसमें संबंधित विभागों की ओर से प्रजेंटेशन के साथ ही उद्योगपतियों की ओर से संवाद भी किया जाएगा।

16 तरह की लगाई जाएगी प्रदर्शनी
16 ट्रेड एसोसिएशन और सरकारी विभागों की ओर से प्रदर्शनी लगाई जाएगी। इसमें एमपी स्टेट इले. इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कार्पोरेशन, एमपी स्टेट एमएसएमई, डायरेक्टोरेट आफ फारेन ट्रेड, कस्टम विभाग, ईसीजीसी लिमिटेड, फेडरेशन आफ इंडियन एक्सपोर्ट, स्टोक होल्डिंग कार्पोरेशन आफ मप्र, हस्तशिल्प विकास निगम् दलित इंडियन चेंबर्स ऑफ कामर्स एंड इंडस्ट्री सहित अन्य शामिल हैं।