Bansagar Dam Rewa News: तीन राज्यों की अंर्तराज्यीय परियोजना बाणसागर के पानी का बंटवारा तीन राज्यों के मध्य हो गया है। इस बंटवारे में मप्र के हिस्से में 2299.10 मिलियन घन मीटर पानी आया है। जबकि बिहार और यूपी के हिस्से में क्रमशः 1149.55- 1149.55 मिलियन घन मीटर पानी आया है। गौरतलब है कि बाणसागर के पानी में 3 राज्यों की हिस्सेदारी है। इसमें से 50 प्रतिशत मप्र और 25-25 प्रतिशत बिहार और यूपी का है।
50 प्रतिशत मप्र और 25-25 प्रतिशत बिहार और यूपी का
- मप्र के हिस्से में 2299.10 मिलियन घन मीटर पानी
- बिहार के हिस्से में 1149.55 मिलियन घन मीटर पानी
- यूपी के हिस्से में 1149.55 मिलियन घन मीटर पानी
इस तरह हुआ बंटवारा
एक नवंबर की स्थिति में बाणसागर में 5069.63 मिलियन घन मीटर पानी था। एक मीटर बिलो केपासिटी पर जल स्तर जहां 340.37 पहुंच गया, वहीं पानी 4598.20 मिलियन घन मीटर बचा। इसी बचे पानी में तीनों राज्यों के बीच अनुपात वार पानी का बंटवारा किया गया। जहां दो हिस्सा पानी म.प्र. को और एक-एक हिस्सा पानी बिहार और यूपी के हिस्से में आया। बाणसागर का पानी वाष्प बन कर उड़ता है। वाष्पीकरण के लिए 471.43 मिलियन घन मीटर पानी रखा गया, जो तीनों राज्यों में अनुपात वार शामिल है। बताया गया है कि गर्मी के दिनों में ज्यादा वाष्पीकरण होता है, जबकि बारिश के दौरान वाष्पीकरण की मात्रा कम हो जाती है।
पानी के बंटवारे का सत्र एक नवंबर से 31 अक्टूबर के बीच माना जाता है। तीन राज्यों के बीच पानी का यह बंटवारा एक नवंबर को बाणसागर में उपलब्ध पानी के हिसाब से किया गया। बताया गया है कि एक नवंबर को बाणसागर का जल स्तर 341.37 मीटर पर था। इस दौरान बाणसागर बांध में 5069.63 मिलियन घन मीटर पानी भरा संग्रहित था। सूत्रों की मानें तो पिछले साल एक नवंबर में बाणसागर का जल स्तर नीचे होने के साथ उसमें कम पानी बचा था। जिसकी वजह से पिछले वर्ष मप्र को बाणसागर से कम पानी मिला था।
लेकिन इस बार ज्यादा पानी मिलने से न सिर्फ सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी मिलेगा, बल्कि बिजली उत्पादन के लिए भी जरूरत के मुताबिक पानी दिया जा सकेगा। पिछले वर्षों में देखें तो मानसून सत्र के अंतिम दिनों को काफी पहले ही बारिश बंद हो गई थी। लेकिन इस बार पानी मानसून सत्र के अंतिम दिनों के कुछ दिन पहले तक गिरता रहा। जिसकी वजह से बाणसागर में एक नवंबर की स्थिति में ज्यादा पानी रहा। गौरतलब है कि बाणसागर के कैचमेन्ट क्षेत्र में ज्यादा बारिश होने की वजह से दो से तीन बार बाणसागर का गेट खोलने पड़े।