MP NEWS: छतरपुर में अनुशासनहीनता और कार्रवाई के नाम पर ब्यूरोक्रेसी कितनी गंभीर रहती है, इसका उदाहरण छतरपुर जिले में सामने आया है। जनसुनवाई में हंसने पर ई-गवर्नेंस के सहायक प्रबंधक को अपर कलेक्टर ने पहले नोटिस थमाया। उन्होंने इसे अनुशासनहीनता मानकर 4 नवंबर तक जवाब मांगा। जवाब की मियाद खत्म हो गई, सहायक प्रबंधक केके तिवारी ने न तो जवाब दिया और न ही अपर कलेक्टर मिलिंद कुमार नागदेवे ने दोबारा मांगा।
- जनसुनवाई में हंसने पर सहायक प्रबंधक को अपर कलेक्टर का नोटिस, चार दिन की मियाद, 13 दिन में भी जवाब नहीं
- सख्ती या दिखावा…छतरपुर में ब्यूरोक्रेसी का अजीबोगरीब कारनामा
नोटिस सोशल मीडिया पर वायरल हुआ और मामला फाइलों के पुलिंदे में गुम हो गया। ऐसे में सवाल खड़े हो रहे हैं कि जब जवाब लेना और कार्रवाई करना ही नहीं था तो नोटिस जारी ही क्यों किया।
ये है मामला
29 अक्टूबर को जिला पंचायत सभागार में जनसुनवाई थी। ई-गवर्नेंस के सहायक प्रबंधक केके तिवारी अचानक हंस पड़े। अपर कलेक्टर मिलिंद नागदेवे ने 30 अक्टूबर को उन्हें नोटिस थमा दिया।
सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग कर नीमच की अपर कलेक्टर ने बनाई रील…
नीमच: जिला प्रशासन के अफसर सरकारी संसाधनों का किस तरह दुरुपयोग कर रहे हैं, इसका उदाहरण नीमच में रविवार को सामने आया। अपर कलेक्टर लक्ष्मी गामड़ को रील बनाने का ऐसा शौक चढ़ा,
- नमस्ते! हम छुट्टी का उपयोग कर रहे हैं; सबकी मदद से खटिया भर रही हूं, आपको आता है बताना
उन्होंने सरकारी आवास में डॺूटी दे रहे होमगार्ड के जवानों से खटिया बुनवा ली। गामड़ ने कैमरे के सामने कहा-नमस्ते! आज आप देख रहे हो, हम छुट्टी का उपयोग कर रहे हैं। मैं इन सबकी मदद से अपनी खटिया भर रही हूं। आपको आता है, बनाना…जरूर बताइए।
विवाद बढ़ा तो हटाया
वीडियो में दो होमगार्ड के जवान जमीन पर बैठे खटिया बन रहे हैं। पास ही अपर कलेक्टर लक्ष्मी गामड़ खड़ी हैं। उन्होंने लोगों से खटिया बुनाई पर प्रतिक्रिया मांगी और वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया। इस पर रील विवाद बढ़ा तो वीडियो हटा लिया।