मध्य प्रदेश के गुना जिले में 12 अप्रैल को हनुमान जयंती के अवसर पर निकाले गए शोभा यात्रा जुलूस के दौरान हुई पथराव की घटना ने क्षेत्र में तनाव पैदा कर दिया। इस घटना के विरोध में 14 अप्रैल को विश्व हिंदू परिषद (VHP), बजरंग दल और करणी सेना जैसे हिंदू संगठनों ने गुना में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारी पथराव के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और उनके घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग कर रहे थे। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को हल्का लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसके बाद प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर किया गया। प्रशासन ने साफ किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
जुलूस पर हमले की घटना
12 अप्रैल की शाम करीब 7:30 बजे गुना के संवेदनशील कर्नलगंज क्षेत्र में हनुमान जयंती जुलूस निकल रहा था। पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जुलूस जब एक मस्जिद के पास रुका, तभी दो समुदायों के बीच कहासुनी शुरू हुई। कुछ लोगों ने जुलूस पर पथराव शुरू कर दिया, जिसके जवाब में दूसरी तरफ से भी पथराव हुआ। इस घटना में 13 लोगों को मामूली चोटें आईं, जिनमें से कुछ को प्राथमिक उपचार के बाद छुट्टी दे दी गई। जुलूस के आयोजक रंजीत खटिक ने दावा किया कि प्रशासन से जुलूस की अनुमति ली गई थी, और पथराव तब शुरू हुआ जब कुछ युवकों ने “जय श्री राम” के नारे लगाए, जिसके जवाब में दूसरी तरफ से “अल्लाहु अकबर” के नारे लगे। हालांकि, गुना कलेक्टर किशोर कन्याल ने कहा कि जुलूस को उस क्षेत्र में ले जाने की औपचारिक अनुमति नहीं थी।
हिंदू संगठनों का प्रदर्शन
पथराव की घटना के बाद 14 अप्रैल को हिंदू संगठनों ने हनुमान चौक और जयस्तंभ चौक पर प्रदर्शन शुरू किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों की तत्काल गिरफ्तारी, उनकी जमानत रद्द करने और उनके घरों पर बुलडोजर कार्रवाई की मांग की। कुछ प्रदर्शनकारियों ने कोतवाली थाने के बाहर धरना भी दिया। स्थिति तब बिगड़ गई जब प्रदर्शनकारियों ने सड़क जाम कर दी और कलेक्टर व पुलिस अधीक्षक (SP) के काफिले को रोकने की कोशिश की। पुलिस ने पहले प्रदर्शनकारियों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब भीड़ नहीं मानी तो हल्का लाठीचार्ज कर स्थिति को नियंत्रित किया। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
पुलिस और प्रशासन का रुख
गुना पुलिस ने अब तक इस मामले में 16 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें मुख्य आरोपी विक्की खान भी शामिल है। पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि सीसीटीवी फुटेज और वीडियो के आधार पर अन्य संदिग्धों की पहचान की जा रही है। कलेक्टर किशोर कन्याल ने कहा कि स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। प्रशासन ने शहर में भारी पुलिस बल तैनात किया है और संवेदनशील इलाकों में ड्रोन से निगरानी की जा रही है। सिन्हा ने यह भी स्पष्ट किया कि जुलूस बिना अनुमति के निकाला गया था, जिसके कारण दोनों समुदायों के बीच तनाव बढ़ा।
प्रदर्शनकारियों की मांग और राजनीतिक प्रतिक्रिया
हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि पथराव सुनियोजित था और इसे “सामुदायिक साजिश” करार दिया। करणी सेना ने शहर में बंद का आह्वान किया, हालांकि यह पूरी तरह सफल नहीं रहा। स्थानीय बीजेपी पार्षद ओम प्रकाश कुशवाह उर्फ गब्बर, जिनके बेटे को भी चोटें आईं, ने मामले में कड़ी कार्रवाई की मांग की। विपक्षी दलों ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया, जबकि सत्तारूढ़ बीजेपी ने कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता देने की बात कही।
प्रशासन ने शांति बनाए रखने के लिए दोनों समुदायों के नेताओं के साथ बैठकें की हैं। गुना में स्थिति अब सामान्य लेकिन तनावपूर्ण है। पुलिस ने लोगों से शांति बनाए रखने और सोशल मीडिया पर भड़काऊ सामग्री न फैलाने की अपील की है। इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक जुलूसों के दौरान अनुमति और संवेदनशीलता के मुद्दों को उजागर किया है। आने वाले दिनों में जांच और प्रत्यर्पण प्रक्रिया पर सभी की नजर रहेगी।