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Success Story : 60 साल की उम्र में शुरू किया बिजनेस, आज बन गए 20 हजार करोड़ के मालिक

जब जागो तब सवेरा कहते हैं ना कि किसी भी काम को शुरू करने के लिए आपकी उम्र मायने नहीं रखती या फिर आप किसी कार्य को करना चाहते हैं और उसकी नई शुरुआत करना चाहते हैं तो इसके लिए भी आपको अपनी उम्र को बीच में नहीं लाना चाहिए। आज हम आपको एक ऐसे शख्स के बारे में बताने वाले हैं जिन्होंने 60 साल की उम्र में अपना बिजनेस स्टार्ट किया और आज वह दुनिया के कई दिग्गज बिजनेसमैन में से एक माने जाते हैं।

हम जिस शख्स की बात कर रहे हैं उनका नाम है। लक्ष्मण दास मित्तल बता दे कि जिस उम्र में लोग रिटायरमेंट के सपने देखते हैं और अपने घरों में आराम से रहने के बारे में सोचते हैं। उस उम्र में लक्ष्मण दास मित्तल ने अपने नए बिजनेस की शुरुआत करने का सोचा। साथ ही इस नई शुरुआत के बाद आज वह 20000 करोड़ के मालिक हैं।

बता दे कि लक्ष्मण दास मित्तल सोनालिका समूह के चेयरमैन है और वह एक बिजनेसमैन भी है। बता दें कि वह भारत के तीसरे सबसे बड़े ट्रैक्टर निर्माता है और उन्होंने 92 साल की उम्र में भारत के सबसे उम्र दराज अरबपति बन कर दिखाया।तो चलिए इनके बिजनेस से जुड़ी कई दिलचस्प बातें जानते हैं और यह जानते कि आखिर उनके मन में बिजनेस का सवाल आखिर कैसे आया और कब आया?

बता दे कि लक्ष्मण दास मित्तल पहले एक एलआईसी एजेंट रहा करते थे जिसके बाद उन्होंने अपने खुद का बिजनेस खड़ा करने के बारे में सोचा और जब उनकी उम्र 60 वर्ष हो गई तो उन्होंने 1996 में ट्रैक्टर निर्माण में अपने कदम रखे उसके बाद से उन्होंने कड़ी मेहनत की और आज 92 वर्ष की उम्र में उनके पास 20000 करोड रुपए की दौलत है पर यह सब केवल उनके ट्रैक्टर के बिजनेस के कारण से है।

जाहिर सी बात है किसी भी बिजनेस को शुरू करने के लिए आपके पास पैसे होने चाहिए ताकि आप उसे इन्वेस्ट कर सकूं और जब बात ट्रैक्टर की बिजनेस की हो तब आपके पास अच्छा खासा निवेश करने के लिए पैसा होना चाहिए। बता दे कि इन्होंने अपने एलआईसी के पैसों से ही बचत करके अपना बिजनेस शुरू किया। ऐसा नहीं है कि लक्ष्मण दास मित्तल को हमेशा अपने जीवन में सफलता हाथ लगी बता दे कि जब उन्होंने अपने बिजनेस की शुरुआत की थी। उन्होंने अपनी पूरी बचत के पैसे इसमें लगा दिया था और उन्हें इसमें काफी नुकसान हुआ और उनका दिवालिया हो गया। उसके बाद उन्होंने फिर भी हार नहीं मानी और कुछ सालों बाद उन्होंने फिर से पैसे जुटाकर अपना बिजनेस शुरू किया।

इस प्रकार उन्हें अपनी कड़ी मेहनत और लगन के कारण राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सम्मान से भी नवाजा गया और उनमें से एक है। उद्योग रत्न पुरस्कार जिससे उन्हें नवाजा गया था, इस तरह आप इनके जीवन से यह सीख सकते हैं कि यदि आपको कोई भी कार्य करना है या किसी चीज की शुरुआत करनी है तो आपको उम्र को अहमियत नहीं देनी चाहिए और जब आपका दिल करे आपको उस कार्य को करना चाहिए।

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