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Bageshwar Dham Secrets: बागेश्वर धाम सरकार के चमत्कारों का क्या है रहस्य, जानिए क्या है नारियल के पात्र की दिव्यता ?

Secret of miracles of Bageshwar Dham Sarkar: इन दिनों देशभर में बागेश्वर धाम सरकार की शक्तियों और चमत्मारों को लेकर जोरों पर चर्चा हो रही है। इनकी चमत्कारी शक्तियों को सुनकर लोग उनके बारे में और भी बहुत कुछ जानने के लिए उत्सुक हैं। जब से उन पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगा है, तक से बागेश्वर धाम सरकार यानी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Dhirendra Krishna Shastri) उग्रता के साथ इसका खंडन कते हुए अपने सनातनी कार्य में लीन हैं। बागेश्वर सरकार नहीं अपने दरबार लगाने में कोई कमी की है और न ही चमत्कार से। बतादें कि नागपुर में हुए विवाद के बाद उन्होंने उनपर इस तरह के आरोप लगाने वालों को बागश्वर सरकार ने ललकारा भी है। आइये जानते हैं इनके बारे में विस्तार से-

बागेश्वर धाम की दिव्य शक्तियों का रहस्य
बागेश्वर सरकार की कथा सुनने के लिए बागेश्वर धाम (Bageshwar Dham) में दूर-दूर से लोग आते हैं। आखिकर इस आस्था के पीछे वजह क्या है? बागेश्वर धाम में आखिर कौन सी दिव्य शक्तियां हैं? इस धाम से जुड़े हुए कई ऐसे सवाल हैं जो रहस्य बने हुए हैं। बागेश्वर सरकार को लेकर दावा किया जाता है कि वो लोगों के मन की बातों को पढ़ लेते हैं और तुरंत ही जटिल से जटिल समस्या का समाधान भी सुझा देते हैं।

नारियल के पात्र का क्या है कनेक्शन
बतादें कि बागेश्वर धाम सरकार चाय पीने के लिए किसी कप का उपयोग नहीं करते, बल्कि नारियल के पात्र (coconut containers) का उपयोग करते हैं। बागेश्वर सरकार यानी धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अपनी हर यात्रा और दरबार के दौरान इस पात्र को अपने साथ लिये रहते हैं। बताया जाता है कि यह पात्र उन्होंने अपने गुरू से प्राप्त हुआ है। गुरू यानी उनके दादा जी ने यह नारियल का पात्र उन्हें प्रसाद स्वरूप दिया था।

अब जानिये बागेश्वरधाम का इतिहास
बागेश्वरधाम मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के ग्राम गढ़ा में स्थित है (Bageshwardham is located in Gadha village of Chhatarpur district of Madhya Pradesh)। जिसे बागेश्वर धाम के नाम से जाना जाता है। यहां पर बालाजी हनुमान जी का मंदिर (Temple of Balaji Hanuman Ji) है। बागेश्वरधाम में हर मंगलवार और शनिवार (tuesday and saturday) को बालाजी हनुमान के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु उमड़ते हैं। यह मंदिर करीब सौ साल पुराना बताया जाता है। 1986 में इस मंदिर का पुनर्निमार्ण (renovation) कराया गया था। इसके बाद 1987 के आसपास यहां पर एक दिव्य संत का आगमन हुआ, जिन्हें भगवान दास जी महाराज के नाम से जाना जाता था। जिनके द्वारा 1989 में बागेश्वर धाम में एक महायज्ञ का आयोजन किया गया था।

2012 से लग रहा दरबार
बताया जाता है कि बागेश्वर धाम में सबसे पहले 2012 में भक्तों की समस्याओं के निदान (diagnosing problems) के लिए दरबार लगाया गया था। इसी दिव्य दरबार की वजह से बागेश्वर धाम को एक अलग पहचान मिली। शुरुआती दिनों में यहां पर भक्तों की संख्या कम ही रहती थी। लेकिन जैसे-जैसे यहां की लोकप्रियता बढ़ी, भक्तों की संख्या में भी इजाफा होता गया। भक्तों की बढ़ती संख्या में चलते 2016 में यहां पर समस्याओं के निवारण हेतु टोकन प्रक्रिया शुरू हो गई।

इस दिन लगता है दरबार
बागेश्वर धाम के महाराज धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री द्वारा हर मंगल और शनिवार (tuesday and saturday) को दिव्य दरबार लगाया जाता है। महाराज जी जब भी कथा करने हेतु किसी दूसरे शहरों में जाते हैं, तो वहां पर भी कथा के बाद दरबार लगाते हैं।

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