शिक्षा/नौकरी

आईएएस की नौकरी छोड़ शुरू किया कोचिंग सेंटर, आज लाखों बच्चों को बना चुके हैं आईएएस ऑफिसर

26 दिसंबर सन् 1976 को भारत के राज्य हरियाणा में एक मध्यवर्गीय हिंदू परिवार में जन्मे विकास दिव्यकीर्ति को बचपन से ही पढ़ाई लिखाई में रुचि थी। विकास ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अपने जन्म स्थान हरियाणा के प्रसिद्ध स्कूल सरस्वती शिशु मंदिर से पूरी की।

इसके बाद इन्होने दिल्ली विश्वविद्यालय से BA, MA, M Phil, और PhD की डिग्री हासिल की। विश्वविद्यालय में हिंदी साहित्य के प्रोफेसर रह चुके विकास मे एक आईएएस ऑफिसर बनने के लिए कड़ी मेहनत और संघर्ष किया।

सन् 1996 में पहली बार यूपीएससी का एग्जाम दिया, इनकी तैयारी इतनी अच्छी थी कि पहली बार में ही यह परीक्षा पास कर ली। परंतु किसी कारणवर्ष इन्हें प्रॉपर आईएएस का पद नहीं मिला, इन्हें गृह मंत्रालय में जॉब मिली उन्होंने इस पद पर एक वर्ष नौकरी की, फिर उन्होंने अपने इस पद से इस्तीफा दे दिया।

उसके बाद विकास दिव्यकीर्ति ने सन् 1999 में अपने इंस्टिट्यूट दृष्टि द विज़नकी स्थापना की। वर्तमान में दृष्टि द विज़नटॉप 5 कोचिंग सेंटरों में से एक है, ‘दृष्टि द विज़नइंस्टिट्यूट में सामान्य अध्ययन, हिंदी साहित्य, निबंध, इतिहास, भूगोल सीसैट (CSAT) एवं इंटरव्यू का मार्गदर्शन किया जाता है।

आज के समय में इनकी कोचिंग द्वारा प्राप्त हुई शिक्षा की बदौलत कई छात्र एवं छात्राएं विभिन्न अधिकारी के पद पर विराजमान हैं। विकास दिव्यकीर्ति ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्होंने जब आईएएस का पद छोड़ा था,

उसके बाद वे 20 महीने तक बेरोजगार रहे उन 20 महीनों में उनका इस दुनिया को देखने का नजरिया बदल गया। आज इन्हे इतना अनुभव हो गया है कि ये मात्र कुछ ही महीनों में किसी छात्र को आईएएस ऑफिसर बनने की ट्रेनिंग दे सकते हैं।

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