शिक्षा/नौकरी

हफ्ते में एक दिन बच्चों को देंगे व्यापार का ज्ञान, बिना बस्ते के जाएंगे स्कूल, इस राज्य ने की अच्छी पहल

सरकार ने एक ऐसा आदेश जारी किया है, जिसके तहत स्कूल में बच्चों के व्यापार या यूं कहें कि यावसायिक कार्यानुभव की जानकारी दी जाएगी, ताकि बच्चे शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक सोच भी विकसित कर सकें। सभी शासकीय, अशासकीय एवं अनुदान प्राप्त स्कूलों के छात्र और छात्राएं के लिए यह नियम लागू होगा। सप्ताह में एक दिन बिना बस्ते के छात्र स्कूल जाएंगे। स्कूलों में इस दिन व्यावसायिक कार्यानुभव से संबंधित गतिविधियां संचालित होंगी। इसके साथ ही सरकार ने एक नई पहल की है, जिसके तहत प्रदेश में सभी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए कक्षावार पुस्तकों का वजन निर्धारित किया है। जिसके बाद बच्चों को भारी भरकम बस्तों के वजन से राहत मिलेगी। अब आपको बता दें कि यह आदेश मध्य प्रदेश सरकार ने जारी किया है।

29 अगस्त को जारी हुआ आदेश
बताया गया है कि मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग के उप सचिव प्रमोद सिंह ने 29 अगस्त को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया गया है। आदेश में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन को ध्यान में रखते हुए मानव संसाधन विकास मंत्रालय, स्कूल शिक्षा एवं साक्षरता विभाग भारत सरकार के परिपत्र द्वारा जारी ‘स्कूल बैग पॉलिसी 2020Ó के अनुपालन के तहत राज्य में अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए ये दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।

प्रदेश में 1.30 लाख स्कूलों में 154 लाख छात्र अध्ययनरत
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश में करीब 1.30 लाख स्कूल हैं, जिनमें लगभग 154 लाख छात्र अध्ययनरत हैं। नए आदेश के तहत दूसरी कक्षा तक के विद्यार्थियों को कोई भी गृह कार्य नहीं दिया जाएगा। आदेश में यह भी है कि वजन की जांच के लिए जिला शिक्षा अधिकारी अपने जिले में बिना क्रम के शालाओं का चयन करके प्रत्येक तीन माह में स्कूल बैग के वजन की जांच करेंगे। साथ ही यह भी सुनिश्चित करेंगे कि बस्ते का वजन निर्धारित सीमा से ज्यादा न हो।

आदेश के कुछ अन्य बिन्दु
-विद्यार्थियों के बस्ते में अधिक पुस्तकें नहीं होनी चाहिए।
-कम्प्यूटर, नैतिक शिक्षा एवं सामान्य ज्ञान की कक्षा के लिए पुस्तकों के नहीं लगाई जाएंगी।
-स्वास्थ्य, शारीरिक शिक्षा, खेल एवं कला की पढ़ाई के लिए पुस्तकों स्कूल नहीं लाएंगे।
-अब पहली एवं दूसरी कक्षा के छात्रों के बस्ते के वजन की सीमा 1.6 से 2.2 किलोग्राम होगी
-तीसरी से पांचवीं कक्षा के लिए बस्ते के वजन की सीमा 1.7 से 2.5 किलोग्राम
-छठवीं एवं सातवीं के लिए 2 से 3 किलोग्राम, आठवीं के लिए 2.5 से 4 किलोग्राम
-नौवीं एवं 10वीं के लिए 2.5 से 4.5 किलोग्राम होगी.
-11वीं एवं 12वीं कक्षा के छात्रों के बस्ते का वजन शाला प्रबंधन समिति द्वारा विभिन्न विषयों के आधार पर तय किया जाएगा.

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