बिहारमध्य प्रदेशसतना

Satna News : 7 SDM, 18 तहसीलदार व नायब तहसीलदारों को नोटिस

सतना. न्यायालयीन प्रकरणों के निराकरण में लेटलतीफी पर कलेक्टर ने जिले के 25 अधिकारियों पर सख्ती बरती है। सात एसडीएम और 18 हसीलदार व नायब तहसीलदारों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं।

कलेक्टर अनुराग वर्मा ने शुक्रवार को राजस्व अधिकारियों की मासिक समीक्षा बैठक ली। आरसीएमएस में दर्ज राजस्व प्रकरणों की न्यायालयवार समीक्षा के बाद 50 फीसदी से कम प्रकरणों का निराकरण करने वाले 25 राजस्व अधिकारियों को शोकॉज जारी करने के निर्देश दिए। इनमें एसडीएम अमरपाटन, मैहर, रामपुर बाघेलान, उचेहरा, मझगवां, रघुराजनगर और नागौद शामिल हैं। तहसीलदारों में कोठी, अमरपाटन, उचेहरा, रामपुर बाघेलान, नागौद, मझगवां और कोटर तथा नायब तहसीलदार जसो, मौहारी कटरा, ताला, झिन्ना, सोहावल, बदेरा, नादन, रैगांव, बिरसिंहपुर, बरौंधा और रामस्थान को नोटिस दिया गया। अपर कलेक्टर शैलेन्द्र सिंह भी मौजूद रहे।

परफारमेंस में सुधार लाएं: कलेक्टर ने कहा, जिला संभाग में टॉप पर हुआ करता था। आप लोगों की खराब परफार्मेंस के कारण अब रीवा जिला संभाग में टॉप पर है। इसके बाद सीधी, सिंगरौली और सतना सबसे नीचे है। परफार्मेंस में सुधार लाएं और निर्धारित दिवसों में प्रतिदिन कोर्ट में बैठें।

इनमें भी लापरवाही

स्वामित्व योजना में 1197 गांवों में ड्रोनफ्लाई के बाद 1055 मैप दिए जाने के बाद भी मात्र 405 नक्शे जमा होने पर नाराजगी जाहिर की। पीएम किसान योजना की ईकेवायसी में 2.26 लाख लक्ष्य के विरूद्ध 2.06 लाख का सत्यापन पाया गया। शेष सत्यापन शीघ्र करने कहा। नक्शा विहीन गांवों के सत्यापन में पाया कि दिसम्बर 2022 में 117 नक्शे मैप आईटी से प्राप्त होने के बाद भी कोठी में 4, अमरपाटन में 8, उचेहरा में 63, कोटर में 6 और नागौद में 36 मैप सत्यापित हुए हैं।

यह दिए निर्देश

● एसडीएम अधीनस्थ कोर्ट का निरीक्षण करें और सभी प्रकरण दर्ज करवाएं

● धारणाधिकार की नई सीमा के अनुरूप आवेदन करवाएं

● भू-आवासीय पट्टे जो शेष रह गए हैं उन्हें बंटवाया जाए

● पटवारी तय दिवस पर अपने हल्के में जाएं यह सुनिश्चित करें

● मतदान केन्द्रों का निरीक्षण कर आवश्यक सुविधाएं सुनिश्चित करें

… तो कटेगी एक दिन की वेतन

कलेक्टर ने कहा, अगली बैठक में सीएम हेल्पलाइन में जो भी राजस्व अधिकारी डी श्रेणी में होगा उनका एक दिन का वेतन काटा जाएगा। पांच साल से अधिक के एक भी प्रकरण लंबित नहीं मिलने चाहिए। दो साल से 5 साल की अवधि वाले लंबित प्रकरणों में 50 प्रतिशत का निराकरण हो जाना चाहिए। बंटवारा और सीमांकन के प्रकरणों का निराकरण 50 प्रतिशत से कम होने पर 27 कोर्ट के नायब तहसीलदारों को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। कहा,बटवारा, नामांतरण, सीमांकन के अविवादित प्रकरणों में कोई भी प्रकरण एक साल की अवधि तक लंबित नहीं मिलना चाहिए।

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