शिक्षा/नौकरी

Bhartiya Shiksha Board: देश की शिक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव, पारंपरिक तरीके से होगी पढ़ाई, रामदेव को सौंपी नए बोर्ड की कमान

आजादी के 75 साल पूरे होने पर केन्द्र सरकार ने शिक्षा व्यवस्था पर बड़ा बदलाव किया है। शिक्षा में भारतीयता का भाव लाने के लिए सरकार ने भारतीय शिक्षा बोर्ड (Bhartiya Shiksha Board) का गठन किया है। और इसके संचालन का जिम्मा बाबा रामदेव के पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट (Patanjali Yog Trust Haridwar) को सौंपा है। इस पर बाबा रामदेव ने पीएम नरेंद्र मोदी का आभार जताते हुए कहा है कि आजादी का अमृत महोत्सव के अवसर पर केंद्र की मोदी सरकार ने भारतीय शिक्षा बोर्ड का गठन कर ऐतिहासिक कार्य किया है।

बाबा रामदेव ने ही की थी पहल
सीबीएसई की तर्ज पर शिक्षा का ‘स्वदेशीकरण’ करने के लिए एक राष्ट्रीय स्कूल बोर्ड स्थापित करने की पहल बाबा रामदेव ने ही की थी। वर्ष 2015 में उन्होंने अपने हरिद्वार स्थित वैदिक शिक्षा अनुसंधान संस्थान (VRI) के माध्यम से एक नया स्कूली शिक्षा बोर्ड शुरू करने का विचार सरकार के समक्ष रखा था। इस स्कूली शिक्षा बोर्ड में ‘महर्षि दयानंद की पुरातन शिक्षा’ और आधुनिक शिक्षा का मिश्रण करके भारतीय शिक्षा बोर्ड की स्थापना की जानी थी। हालांकि शिक्षा मंत्रालय ने वर्ष 2016 में यह प्रस्ताव खारिज कर दिया था। इसके बाद भी बाबा रामदेव प्रयास में लगे रहे मोदी सरकार के मंत्रियों से मिलकर भारतीय शिक्षा बोर्ड के फायदे बताए। जिस पर वर्ष 2019 के आम चुनाव शुरू होने कुछ पहले भारतीय शिक्षा बोर्ड के गठन की प्रक्रिया को पूरा कर लिया। जिससे वर्ष 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने से कुछ घंटे पहले मंजूरी मिल जाए।

महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान (MSRVPP) की आपत्तियां हुई खारिज
वहीं शिक्षा मंत्रालय के तहत आने वाले स्वायत्त संगठन महर्षि संदीपनी राष्ट्रीय वेद विद्या प्रतिष्ठान उज्जैन ने इस प्रक्रिया पर आपत्ति जताई थी। बताया गया है कि MSRVPP अपना खुद भारतीय शिक्षा बोर्ड शुरू करना चाह रहा था। लेकिन सरकार ने उसके द्वारा की गई आपत्तियों को खारिज कर दिया। भारतीय शिक्षा बोर्ड देश का पहला राष्ट्रीय स्कूल बोर्ड माना जाएगा और उसे सिलेबस तैयार करने, स्कूलों को संबद्ध करने, परीक्षा आयोजित करने और प्रमाण पत्र जारी करके भारतीय पारंपरिक ज्ञान का मानकीकरण करने का अधिकार होगा।

हमारे युवा पूरे विश्व का करेंगे नेतृत्व
इस उपलब्धि पर स्वामी रामदेव ने कहा कि 1835 में मैकाले जो पाप करके गया था उसको साफ करने का समय आ गया है। भारतीय शिक्षा बोर्ड के माध्यम से अब भारत के बच्चों का मानस भारतीयता के अनुसार तैयार किया जाएगा। रामदेव ने कहा कि भारत में हम वो युवा नेतृत्व गढ़ेंगे, जो भारत ही नहीं पूरे विश्व में नेतृत्व करेंगे.

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