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MP में विकास पर्व : सड़क न होने से गर्भवती को ग्रामीणों ने खटिया पर लादकर डिलीवरी के लिए ले जाया गया, वीडियो वायरल

विंध्य भास्कर डेस्क। एमपी के मुख्यमंत्री ने शिवराज सिंह चौहान विकास पर्व मना रहे है। एमपी के इस विकास की हकीकत बताने हरदा और सीहोर जिले की तस्वीरों ने विकास की जो मॉडल दिखा रही है। इसमे पहली तस्वीर व वीडियो सीहोर जिले का है जहां सड़क नहीं होने पर जननी एक्सप्रेस घर तक नहीं पहुंच सकी। ऐसे में परिजनों ने खाट पर ही जननी को दो किलोमीटर मुख्य मार्ग तक पहुंचाया। इसमें दिलचस्प बात यह है कि सीहोर जिले की विकास की तस्वीर भाजपा विधायक के क्षे़त्र कि है। यह भाजपा विधायक शिवराज सरकार में मं़त्री भी रह चुके है। वहीं दूसरी तस्वीर हरदा की है जहां इस सड़क का 32 बार ठेका होने के बाद अभी तक सड़क पूरी नहीं बन सकी है।

चुनावी साल में शिवराज सरकार की विकास की यह इन तस्वीरें एक बार फिर चर्चा का विषय बनी है और राजनीति गरमा गई है। दरअसल इसके पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री द्वारा अमेरिका की सड़को से बेहतर मध्य प्रदेश की सड़के बताया था।

सीहोर जिले के ग्रामीण क्षेत्र से सरकार के विकास के दावों की पोल खोलती एवं मानवता को शर्मसार करती एक तस्वीर सामने आई है। जहां एक प्रसूता महिला को डिलीवरी के लिए गांव में पक्का रास्ता नहीं होने के कारण खटिया पर लाद कर ले जाया जा रहा है। क्योंकि इस गांव में कोई पक्का रास्ता नहीं है और बारिश से 2 किलोमीटर के कच्चे रास्ते में कीचड़ ही कीचड़ हो चुका है। सीहोर इछावर विधानसभा से भाजपा के वरिष्ठ नेता करण सिंह वर्मा 7 बार से विधायक बनते आ रहे हैं। विधायक वर्मा दो बार प्रदेश के मंत्रीमंडल में सदस्य भी रह चुके हैं।

बावजूद उनके विधानसभा क्षेत्र ग्राम पंचायत मोयापानी का सुआखेड़ा गांव सड़क जैसी जरूरी सुविधाओं से जूझ रहा है इस गांव की आबादी 500 की है गांव में सडक नहीं होने की वजह से स्कूल के छात्र-छात्राओं को कीचड़ से सने रास्ते से ही स्कूल जाना पड़ता है।इस गांव का एक मानवता को शर्मसार करता वीडियो वायरल हो रहा जिसमें 22 जुलाई को आशा नाम की एक महिला की डिलीवरी होनी थी रास्ता खराब होने से एंबुलेंस गांव में नहीं पहुंच पाई और मजबूरन उक्त प्रसिता महिला को ग्रामीणों ने 2 किलोमीटर खटिया पर लाद कर पक्के रोड तक पहुंचाया।

32 बार निकाला टेंडर

हरदा.जिले में हंडिया से मसनगांव के बीच अभी एक रोड़ ऐसा है जो रिकार्ड 32 बार टेंडर होने के बाद भी पूरा नहीं बन सका। बरसात में आसपास के गांव के लोगों की जान मुशकिल में आ जाती है। रोड खराब होने से सरकारी जननी एक्सप्रेस नहीं आ पाती है। गांव के लोगों को बीमार या प्रसव के लिए महिला को अस्पताल लाने में कई जतन करने पड़ते हैं। शुक्रवार रात हुई तेज बारिश के बाद हालात बिगड़ने पर एक मरीज को खटिया पर इस तरह से लाया गया। इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के कार्यपालन यंत्री सुभाष पाटिल का फोन अनरिचेबल होने से बात नहीं हो सकी।

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