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13 साल की बच्ची ने अपने ही माता-पिता की हत्या का प्लान किया, चीनी के डब्बे में मिलाया कीटनाशक…फिर जो हुआ, अहमदाबाद का ये घटना चौंका देने वाला

Daughter conspired to kill her parents : आज मोबाइल फोन न सिर्फ व्यस्क बल्कि बच्चों द्वारा भी खुब इस्तेमाल किया जाता है। वहीं आज बच्चों में मोबाइल एक लत की समस्या बन गई है। इसी से बहुत से अभिभावक परेशान रहते हैं। अक्सर मोबाइल फोन को कम इस्तेमाल करने को लेकर माता-पिता बच्चों को डांटते हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा होगा कि एक बच्चे को डांटने पर बच्चा अपने ही माता-पिता की हत्या का साजिश रच देगा। दरअसल ऐसी ही एक घटना हुई है। तो चलिए जानते हैं, जिसको जानकर आपका होश उड़ जाएगा।

पश्चिम अहमदाबाद का है मामला

मामला अहमदाबाद से बताया जा रहा है जहां रहने वाली 45 साल की एक महिला इस बात को लेकर चिंतित हो गई कि किचन में उनके चीनी के डिब्बे में कीटनाशक पाउडर कैसे आया। इतना ही नहीं अक्सर ही उनके बाथरूम के फर्श पर फिनायल जैसा लिक्विड भी बिखरा मिलता था। लेकिन जब ये बात बार-बार होने लगी तब महिला ने इसपर निगरानी की। फिर क्या निगरानी में जो पता चला इससे महिला के पैरों तले जमीन ही हिल गई। दरअसल इन घटनाओं के पीछे उनकी ही 13 साल की बेटी का ही हाथ था।

बेटी को है मोबाइल एडिक्शन

रिपोर्ट के अनुसार उनकी बेटी को मोबाइल का लत लग गया था। इसी लत को छुड़ाने के लिए कुछ दिनों पहले मां ने उसके हाथ से मोबाइल छिन लिया था। वहीं महिला ने बच्ची को पिटा भी था। इसी घटना के बाद बच्ची हिंसक हो गई। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि बच्ची चाहती थी कि चीनी में मिला कीटनाशक खाकर या फर्श से फिसलकर उसके माता-पिता को चोट पहुंचे। रिपोर्ट में बताया गया कि बच्ची रातभर मोबाइल फोन पर चैट करती थी। सोशल मीडिया पर रील देखने का लत लग गया था। इसी पर माता-पिता ने बच्ची को टोका और थोड़ी कड़ाई की थी। लेकिन इसका उल्टा ही प्रभाव पड़ा बच्ची हिंसक हो गई। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि मामले में समाधान के लिए माता-पिता को महिला हेल्पलाइन की मदद ली।

हेल्पलाइन के काउंसलर ने किया बच्ची के बारे में खुलासा

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार महिला ने जिस हेल्पलाइन से सहायता मांगी थी उसके काउंसलर ने बताया कि बच्ची चाहती थी कि उसके माता-पिता कीटनाशक जहर खा लें या फिनाइल से फर्श पर गिरें और उन्हें चोट पहुंचे। बता दें कि बच्ची की काउंसलिंग जारी है। इसपर काउंसलर ने बताया कि ऐसा मामला पहली बार नहीं हुआ है। काउंसलर ने कहा कि मोबाइल की लत एक ऐसी बीमारी बन चुकी है जिसने कई बच्चे, किशोर और युवओं को शिकार बना लिया है। इतना ही नहीं बच्चों को टोकने पर वो नियंत्रण से बाहर हो जाते हैं। काउंसलर के अनुसार बच्चों को शुरुआत से समझना जरुरी है और मोबाइल से दूर रखना चाहिए। इतनी ही नहीं बच्चों के व्यवहार की निगरानी की जानी चाहिए। वहीं अगर कुछ भी असामान्य लगता है तो विशेषज्ञ की राय अवश्य लेनी चाहिए।

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