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MP Scholarship Scam: मध्य प्रदेश में चपरासी और बाबू ने मिलकर छात्रों के 53 लाख उड़ाए, घोटाले पर बड़ा खुलासा, भ्रष्टाचार का मामला दर्ज

देश का ह्रदय कहा जाने वाला राज्य मध्य प्रदेश से छात्रवृत्ति घोटाले पर बड़ी खबर सामने आई है। बता दें कि 2017-2021 कैग ऑडिट में बड़ा छात्रवृत्ति घोटाला सामने आया था। उसी को लेकर प्रदेश में छात्रवृत्ति घोटाले (Scholarship Scam) मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में बताया जा रहा है कि कर्मचारियों ने ही स्कॉलरशिप घोटाला किया। बता दें कि कर्मचारियों ने फर्जी आईडी और दोहरा भुगतान कर 53 लाख रुपए गायब कर दिए। वहीं घोटाले मामले में तीन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया गया है। बताया जा रहा है कि घोटाले में विभाग के ही 2 चपरासी और एक बाबू सम्मिलित है। रिपोर्ट के अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति कार्य विभाग ने भोपाल के कोहेफिजा थाने में मामला दर्ज करवाया है।

इन लोगों पर लगा है आरोप

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अनुसूचित जाति/जनजाति विभाग में खड़क बहादुर सिंह और चपरासी विनोद मांझी व मनोज मालवीय पर पोस्ट मैट्रिक छात्रवृति में घोटाला करने का आरोप लगाया गया है। इसमें विनोद और मनोज चपरासी के पद पर कार्यरत हैं तो वहीं खड़क बहादुर क्लर्क के पद पर पदस्थ हैं। बता दें कि तीनों पर 53 लाख 32 हजार रुपए से ज्यादा छात्रवृती गबन करने का आरोप है। बताया जा रहा है कि तीनों आरोपियों ने 22 लोगों की फर्जी आईडी बनाकर 40 लाख 51 हजार 90 रुपए का भुगतान कर हड़ लिया।

28 विद्यार्थियों का दोहरा भूगतान कर हड़पे 11 लाख से ज्यादा की राशि

खुलासा हुआ है कि तीनों कर्मचारियों ने कर्मचारियों ने 28 विद्यार्थियों का दोहरा भुगतान कर 11 लाख 58 हजार 980 रूपये हड़पे लिए। इसी में 6 ऐसे विद्यार्थियों के नाम पर 1 लाख 22 हजार का भुगतान कर लिया। लेकिन बाद में पता चला कि वे विद्यार्थी अनुसूचित जाति/जनजाति के थे ही नहीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार साल 2017 से 2021 में हुए CAG के ऑडिट में मामला सुर्खियों में आया था। इसके बाद जांच कमेटी गठित कर मामले की जांच की गई थी। वहीं जांच पूरी होने के बाद कोहेफिजा थाने में मामला दर्ज करवाया गया।

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