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Mahakal Sawari 2023: शाही रथ पर विराजित कर निकाले जाएंगे भगवान महाकाल के मुखारविंद, देखें कब निकलेगी सवारी

भोपाल। मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थीत महाकालेश्वर के बारह ज्योतिरलिंग में से एक यहां भी विराजमान है जो कि यहा पर सावन भादौ के महीने में हर साल बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है। इसको लेकर कई दिनो पहले से ही तैयारी शुरु कर ली जाती है वही इस वर्ष भी हर वर्ष की तरह धुमधाम से सवारी निकालने को लेकर तैयारियां जोरो से चल रही है।

रथ बनाने की तैयारी

दरअसल, उज्जैन में महाकाल लोक बनने के बाद यहां पर श्रध्दालुऔ कि संख्या में भी इजाफा देखा गया है हर रोज यहां लाखो भक्त दर्शन करने पहुंचते है। वही इस बार महाकाल के मुखारविंद शाही रथ पर विराजित कर निकाले जाने वाले हैं। दानदाताओं की सहायता से मंदिर समिति रथ का निर्माण कर रही है। दिल्ली, इंदौर, उज्जैन में तीन रथ बनवाए जा रहे हैं, जिन पर बाबा महाकाल के मुखौटे रखकर निकाले जाएंगे।

तीन रथ की और आवश्यकता

उज्जैन में इस बार 10 दिन की सवारी होने वाली है जिसके चलते 3 रथ की और आवश्यकता पड़ रही है जिनका निर्माण मंदिर समिति दानदाताओं के सहयोग से उज्जैन, इंदौर और दिल्ली में करवा रही है। मंदिर समिति ने बैठक कर रथ की डिजाइन फाइनल कर दी है जो जल्द ही बनकर तैयार होंगे। हालांकि मंदिर समिति के पास पहले से पांच रथ मौजूद है, जिन्हें रंग रोगन कर सवारी के लिए हर साल तैयार किया जाता है और अलग-अलग मुखौटे रखकर निकाले जाते हैं।

तीसरी सवारी में रथ

दूसरी सवारी में पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मन महेश सवार होंगे। इन दोनों के पालकी और हाथी पर सवार होने का क्रम शाही सवारी तक चलता रहेगा। तीसरी सवारी से बाबा महाकाल के अन्य मुखारविंद उमा महेश, होलकर, शिव तांडव, सप्त धान, घटाटोप, जटाशंकर आदि रथ पर निकाले जाएंगे।

२०२३ में उज्जैन महाकाल की सवारियां इस तारीख को निकलेगी

  • 10 जुलाई को पहली सवारी
  • 17 जुलाई को दूसरी सवारी
  • 24 जुलाई को तीसरी सवारी
  • 31 जुलाई को चौथी सवारी
  • 7 अगस्त को पांचवी सवारी
  • 14 अगस्त को छठी सवारी
  • 21 अगस्त को सातवीं सवारी
  • 28 अगस्त को आठवीं सवारी
  • 4 सितंबर को नौवीं सवारी
  • 11 सितंबर को अंतिम शाही सवारी

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